दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नागरिकता (संशोधित) कानून पर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि देश के लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है लेकिन सरकार को पाकिस्तानियों की फिक्र हो रही है। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में पहुंच केजरीवाल ने इस कानून को ‘गंदा’ कानून करार दिया। उन्होंने कहा ‘पता नहीं क्यों इस कानून को लेकर आएं ये लोग। पूरे देश में आग लगी पड़ी है।’

उन्हों कहा ‘देश में 70 परसेंट लोगों के पास दस्तावेज नहीं। अमीर पैसे लेकर बनवा लेंगे, नोटबंदी में अमीर नहीं, गरीब पिसे थे। बाहरी लोगों को नौकरी कौन देगा? किसके फायदे के लिए नागरिकता कानून लाया गया है? इस कानून की जरूरत क्या थी? सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलाकर देश में मंहगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए।’

सीएम ने दिल्ली में हिंसा को लेकर मैं चिंता जाहिर की और कहा कि हिंसा का रास्ता गलत है। बता दें कि दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और सीलमपुर में हिंसक प्ररदर्शन हुए हैं। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। वहीं जामिया में पुलिस ने छात्रों पर कड़ी कार्रवाई की।

बता दें कि इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी- हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। वहीं सरकार ने कानून को लेकर छात्रों के विरोध के पीछे तमाम तरह के फैलाए गए भ्रम को जिम्मेदार ठहराते हुए बुधवार को कहा कि इससे छात्रों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह नागरिकता देने वाला कानून है, नागरिकता लेने वाला नहीं, इसलिए इससे घुसपैठियों को अवश्य ही चिंता करने की जरूरत है।