भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के बहाने आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ फिर से हमला बोला है। दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को नकारा करके उनकी सरकार को परेशान किया जा रहा है। उधर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख मुकेश कुमार मीणा ने दिल्ली सरकार पर ही उनके विभाग को कमजोर करने का आरोप लगाया है। मीणा ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने को लेकर बनाई गई हेलेपलाइन की शिकायतें कहां पर जा रही हैं, उन्हें ही उसकी जानकारी नहीं है।
उपमुख्यमंत्री ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आप सरकार की लड़ाई को ‘कमजोर करने का प्रयास’ कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा पूरे जोर-शोर से काम कर रही थी, लेकिन जब उसे सफलता मिलनी शुरू हुई तो कानूनी रूप से नए प्रमुख की नियुक्ति की गई। अफवाहें फैलाई गईं कि एसीबी केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने वाली है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार, एसीबी का कामकाज दिल्ली सरकार के तहत आता है।
सिसोदिया ने कहा कि मोदी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजंसियां हैं, लेकिन वह इनका उपयोग ‘ललितगेट’ और व्यापमं जैसे मामलों में नहीं कर सकी है। और वे एसीबी चलाने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी दिल्ली के लोगों से बदला ले रहे हैं, क्योंकि उन्होंने उन्हें (मोदी) हरा दिया है। भ्रष्टाचार-निरोध या सीबीआइ का गुजरात मॉडल यहां काम नहीं करेगा। पुलिस को नियंत्रित करें लेकिन एसीबी को नियंत्रित ना करें। सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा कुछ भी नहीं कर रही है।
उधर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख मुकेश कुमार मीणा ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को फोन पर ही करने के लिए एक हेल्पलाइन की शुरुआत की थी। जिस पर लोग भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें कर रहे थे। वे शिकायतें सीधे उनके विभाग के पास आ रही थीं। लेकिन जबसे उन्होंने यहां का विभाग संभाला हैतब से उनके पास शिकायतें आनी ही बंद हो गईं, हैं। अब जब विभाग के पास शिकायतें ही नहीं आएंगी तो उनका विभाग उनपर अमल किस आधार पर करेगा।