कांग्रेस और वामदलों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को उन पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति वैचारिक असहिष्णुता अपनाने व संगठित दुष्प्रचार के जरिए भारत को असहिष्णु समाज के रूप में पेश करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

जेटली ने भारत और वर्तमान सरकार के हरेक शुभचिंतक से ऐसे बयान नहीं देने की अपील की, जो माहौल खराब करें और विकास में बाधा पैदा करें। मंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भारत के विकास की रफ्तार तेज करने का प्रयास कर रही है। लेकिन ऐसे कई हैं जिन्होंने भाजपा के सत्ता में होने का विचार बौद्धिक रूप से कभी स्वीकार नहीं किया। इसमें जाहिर तौर पर कांग्रेस, कई वामपंथी विचारक और कार्यकर्ता हैं। कई दशकों से उन्होंने भाजपा के प्रति वैचारिक असहिष्णुता अपनाई हुई है।

जेटली के मुताबिक 2002 से प्रधानमंत्री (नरेंद्र मादी) खुद इस वैचारिक असहिष्णुता के सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं। उनकी रणनीति के दो भाग हैं। पहला संसद बाधित करो और ऐसे सुधार मत होने दो जिसका श्रेय मोदी सरकार को जाए। दूसरा ढांचागत और संगठित दुष्प्रचार से ऐसा माहौल पैदा करो जिससे लगे कि भारत में सामाजिक दरार है। वे भारत को असहिष्णु समाज के तौर पर पेश करना चाहते हैं। जबकि सच कुछ और है। इस दुष्प्रचार की साजिश रचने वालों ने अपने नियंत्रण वाले विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों या सांस्कृतिक संस्थाओं में वैकल्पिक नजरियों को आगे बढ़ने नहीं दिया।

उन्होंने कहा-उनकी असहिष्णुता वैकल्पिक विचाराधारा वाले बिंदु को स्वीकार नहीं करने की हद तक है। दादरी में एक आदमी की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या के संबंध में जेटली ने कहा कि यह अकस्मात हुई घटना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय दोनों है। दोषियों को सजा दी जाएगी। भारत सहिष्णु एवं उदारवादी समाज बना रहेगा। हमारे सांस्कृतिक मूल्यों में सह-अस्तित्व समाहित है। भारत ने बार-बार असहिष्णुता को खारिज किया है। यह उकसावे पर प्रतिक्रिया नहीं देता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए यह सुनिश्चित करना भारत और वर्तमान सरकार के हर शुभचिंतक का कर्तव्य है कि उनकी कोई कार्रवाई या बयान भारत की विकास की कहानी में बाधा उत्पन्न करने की चाह रखने वालों के हाथों में हथियार नहीं थमाए। बाधा उत्पन्न करने वालों की स्पष्ट योजना है कि अगर वे राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते, तो वे प्रतिकूल दुष्प्रचार के साथ लड़ेंगे।

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