जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी असमंजस में नजर नहीं आ रही है। मंगलवार (6 अगस्त 2019) को लोकसभा में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी अपने ही नेता पर नाराज होते दिखे। दरअसल सदन में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा चल रही थी। चर्चा के दौरान सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा करार दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मॉनिटरिंग करता रहा है।

अधीर के इस बयान पर उनके ही बगल में बैठीं सोनिया गांधी ने तुरंत उनकी तरफ देखकर इसपर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान सोनिया ने उनसे कुछ कहने की भी कोशिश की लेकिन अधीर रंजन लगातार बोलते रहे। वहीं इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने और राज्य को दो भागों में बांटने के संबंध में बयान दिया। उनके इस बयान पर अधीर रंजन ने केंद्र सरकार से पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की स्थिति के बारे में सवाल किया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लग रहा कि केंद्र पीओके के बारे में सोच रही है। सरकार ने राज्य को दो भागों में बांटने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए सभी नियम कानून को ताक पर रख दिया।

अधीर रंजन के इस बयान पर गृह मंत्री ने उन्हें तुरंत जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अधीर रंजन को सदन में इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। यह (लोकसभा) देश की सबसे बड़ी पंचायत है। आप हमें बताइए कि कौन से नियमों को उल्लंघन हुआ है मैं आपको उसका जवाब दूंगा। इसके बाद कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर यह (कश्मीर) आंतरिक मामला है तो फिर यूएन इसे क्यों मॉनिटर कर रहा है। मुझे नहीं लगता कि आप पीओके के बारे में सोच रहे हैं, आपने सभी नियमों को ताक पर रखकर रातों-रात एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया।’

उन्होंने आगे कहा ‘आप कहते हैं कि यह एक आंतरिक मामला है। लेकिन 1948 से इसे 1948 से मॉनिटर कर रहा है क्या यह आंतरिक मामला है? हमने पाकिस्तान के साथ शिमला संधि और लाहौर घोषणपत्र पर हस्ताक्षर किए। क्या यह आंतरिक मसला था या द्विपक्षीय? क्या जम्मू-कश्मीर अब भी एक आंतरिक मसला रहेगा? हम जानना चाहते हैं। पूरी कांग्रेस पार्टी इसपर जवाब चाहती है।’

कांग्रेस नेता के इस बयान पर शाह ने पलटवार करते हुए कहा ‘क्या आप जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं मानते? आप क्या कह रहे हैं? जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जब भी मैं कहता हू जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो इसका मतलब यह है कि मैं पीओके की भी बात कर रहा हूं। हम इसके लिए (पीओके) जान भी दे सकते हैं।’

आजाद भी भड़के: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी नेताओं पर नाराजगी जाहिर की। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता इस आर्टिकल 370 को हटाए जाने का समर्थन कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर के इतिहास या कांग्रेस का इतिहास नहीं पता उनसे मुझे कोई लेना देना नहीं है। वो पहले जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़ लें, फिर कांग्रेस में रहें।