भोपाल में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, और यह धमकी किसी अनजान शख्स ने नहीं, बल्कि भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य कृष्णा घाडगे ने सार्वजनिक रूप से दी है। मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आतंकवादी हमले पर बोलते हुए घाडगे का वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषा का प्रयोग किया।

बयान से मसूद समर्थकों में भारी आक्रोश

वीडियो में घाडगे कहते हैं— “ये विश्व पाकिस्तान का नहीं है। पाकिस्तान के एजेंट इसी चौराहे पर खड़े होकर सुन रहे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि अब तुम भोपाल में हंगामा करके दिखाओ। आरिफ मसूद, चोर और उसके साथी जो हमारे धर्म का विरोध करते हैं, उन्हें हम नहीं छोड़ेंगे… यहीं पर निपट लेंगे।” इस बयान ने न सिर्फ भोपाल की राजनीति में उबाल ला दिया, बल्कि मसूद के समर्थकों में भी भारी आक्रोश पैदा कर दिया।

घाडगे ने बाद में फेसबुक पर सफाई दी, लेकिन अपने बयान से पीछे हटने से इनकार कर दिया। उन्होंने लिखा— “हमारी रैली पाकिस्तान के खिलाफ थी। मैंने पाकिस्तान के एजेंट कहे, और अगर ये मसूद को लेकर है, तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।” साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मसूद का फैन क्लब उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज करा रहा है।

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यह मामला तब और गंभीर हो गया जब एक दिन पहले ही एक और शख्स, सचिन रघुवंशी, ने मसूद को जान से मारने की धमकी दी थी। रघुवंशी पर FIR भी दर्ज है, और उसकी तस्वीरें एक वरिष्ठ भाजपा नेता के साथ वायरल हुई हैं। इस पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सीधा सवाल उठाया— “क्या @CP_Bhopal आरिफ मसूद की सुरक्षा का आकलन करेंगे? क्या @BJP4MP सचिन सूर्यवंशी पर कार्रवाई करेगी?”

आरिफ मसूद ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भाजपा को अब मेरी ताकत का अहसास हो गया है। मैं एक मजबूत विपक्षी हूं, और वे योद्धाओं से डरते हैं।” मसूद ने यह भी कहा कि वे हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते हैं, यही बात भाजपा को रास नहीं आती, और इसी वजह से वे बार-बार उनके पीछे पड़ते हैं।

राजनीतिक सफर की बात करें तो आरिफ मसूद ने 2000 के आसपास छात्र राजनीति से शुरुआत की, जब वे गवर्नमेंट बेनज़ीर कॉलेज में मास्टर्स कर रहे थे। 2013 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर पहली बार भोपाल मध्य से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2018 में उन्होंने जीत हासिल की और 2023 में सीट बरकरार रखी। आज वे मध्य प्रदेश में कांग्रेस के केवल दो मुस्लिम विधायकों में से एक हैं और अल्पसंख्यक मुद्दों पर उनकी आवाज़ मुखर मानी जाती है।

2019 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उन्होंने इस्तीफ़े की धमकी दी थी, वहीं 2020 में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। इसी के कुछ दिन बाद, नगर निगम ने उनके कॉलेज परिसर में बनी एक 12,000 वर्ग फुट की संरचना को अवैध बताकर तोड़ दिया। मसूद ने इसे भी भाजपा की ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई करार दिया।

भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस पूरे प्रकरण पर कहा, “मैंने अभी तक घाडगे की टिप्पणी नहीं सुनी है। अगर उन्होंने ऐसा कुछ कहा है तो जांच की जाएगी।”