बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। दुर्गा पूजा के दौरान शुरू हुई इस हिंसा को लेकर भारत में भी काफी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग मांग कर रहे हैं कि मोदी सरकार इस मामले में दखल दे। वहीं इससे जुड़े मुद्दे पर एक टीवी डिबेट में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शोएब जमई और भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
दरअसल निजी न्यूज चैनल न्यूज18 इंडिया पर बांग्लादेश की हिंसा से जुड़ी बहस में शोएब जमई और कपिल मिश्रा शामिल थे। ऐसे में एंकर ने शोएब से सवाल किया कि आखिर कराची, बांग्लादेश, बंगाल और कश्मीर में हो रहे हिंदुओं पर हमले को लेकर अगर हिंदू एकजुट हो रहे हैं तो इसमें बुराई क्या है?
इसपर शोएब जमई ने कहा कि, “जितने भी अतिवादी लोग हैं, चाहे बांग्लादेश का कोई मौलाना हो, पाकिस्तान का मौलाना हो, जामिया में गोली चलाने आए लोग हों या फिर हरियाणा में महापंचायत करके मुसलमानों को मारने की बात करने वाले हों, ये सब एक दूसरे के पूरक हैं।” वहीं उन्होंने दिल्ली दंगे को लेकर कपिल मिश्रा पर कहा कि, कपिल के भाषण के चलते दिल्ली में दंगे हुए। 700 हिंदू बच्चे गिरफ्तार हैं, जेलों में बंद हैं। आखिर इन दंगों में कपिल का बच्चा क्यों नहीं आया?
शोएब जमई ने कहा कि, कपिल मिश्रा तो आबाद हो गए, उन्हें सुरक्षा मिल गई, बाकी जो बच्चे जेलों में बंद हैं, उनकी जिंदगियां तो बर्बाद हो गईं। उनको नौकरी मिलने से रही। इस पर एंकर ने शोएब से कहा कि, “आपको कोर्ट का ऑर्डर पढ़ना चाहिए, फैसला पढ़ लेते तो इस तरह का सवाल नहीं करते।” एंकर ने कहा कि, “कोर्ट ने दिल्ली दंगे को सुनियोजित साजिश बताया है। एक बयान से दंगा नहीं हुआ है, इसके लिए पूरी तैयारी की गई थी।”
वहीं शोएब जमई को जवाब देते हुए कपिल मिश्रा ने कहा कि, “जेलों में बंद बच्चों की जिम्मेदारी भी हम लेंगे, और अगर दोबारा सड़कें बंद करने की गलती की तो उसे भी हम फिर खुलवाएंगे। आरोप लगाकर किसी गलतफहमी में मत रहना।”
बता दें कि फरवरी 2020 में देश की राजधानी दिल्ली में हुए दंगों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे पूर्वनियोजित करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि दंगे किसी घटना की प्रतिक्रिया के कारण नहीं हुए, बल्कि इसे सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया।