‘भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा’ (एक्यूआइएस) के गुर्गे मोहम्मद अब्दुर रहमान ने 1999 के कंधार विमान अपहरण और 2002 के कोलकाता के अमेरिकन सेंटर में विस्फोट मामले से जुड़े आतंकवादियों के साथ अपने रिश्ते होने की बात कबूल की है।
ओड़ीशा पुलिस की अपराध शाखा के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि रहमान ने कटक में एक पाकिस्तानी आतंकवादी को शरण दी थी। यह आतंकवादी पाकिस्तान आधारित हरकत-उल-मुजाहिदीन समूह का था, जो काठमांडो से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की उड़ान संख्या आईसी-184 का अपहरण कर उसे कंधार ले गया था। अपहर्ताओं ने विमान पर सवार यात्रियों को छोड़ने के लिए जेल में बंद अजहर मसूद की रिहाई की मांग की थी।

एसटीएफ रहमान से पूछताछ कर रहा है। एसटीएफ के अधिकारी ने उसके हवाले से बताया कि चूंकि आतंकवादियों में से एक विमान अपहरण में रहमान के नजदीक था, उसे वह कटक लाया और वहां उसे एक खुफिया स्थल पर रखा। ओड़ीशा पुलिस रहमान को 10 दिन की हिरासत पर लाई है। वह शुरू में आतंकवादी संगठनों के साथ अपने रिश्ते कबूल करने से इनकार करता रहा, लेकिन जैसे ही एनआइए और आइबी की तरफ से इकट्ठा सबूत उसके सामने पेश किए गए, उसने मुंह खोल दिया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस रहमान के बयान के पीछे की सच्चाई की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि हम उन जगहों की तस्दीक कर रहे हैं, जहां रहमान ने वास्तव में पाकिस्तानी आतंकवादी को शरण दी थी। रहमान का भाई भी 2002 के अमेरिकन सेंटर विस्फोट के आरोपियों में शामिल था, वह इस मामले से बरी हो गया था।

अधिकारी ने बताया कि हम किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले दोनों बयानों का सत्यापन करेंगे। उन्होंने कहा कि एसटीएफ रहमान के ओड़ीशा रिश्ते की जांच कर रहा है। रहमान कटक के पास टांगी में एक मदरसा चला रहा था। उसे दिल्ली पुलिस और ओड़ीशा पुलिस के संयुक्त अभियान में 16 दिसंबर, 2015 को गिरफ्तार किया गया। उसे रिमांड पर दिल्ली से ओड़ीशा लाया गया। धर्मगुरु के रूप में रहमान ओड़ीशा और झारखंड में अनेक जलसों को संबोधित कर रहा था, जहां उसने कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए थे। सूत्रों ने बताया कि रहमान से ओड़ीशा से उसके रिश्तों के बारे में पूछा जाएगा और सवाल किया जाएगा कि मदरसा चलाने के लिए धन के उसके स्रोत क्या हैं। रहमान के खिलाफ अवैध गतिविधियां (उन्मूलन) अधिनियम लगाया गया है।