बिहार के मुख्यमंत्री 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर तमाम विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। इस कोशिश में सीएम नीतीश लगातार तमाम विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस ने कहा कि वह विपक्षी दलों को एकजुट करने के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों की सराहना करती है लेकिन वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) और दिल्ली के उनके समकक्ष अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं पर अब भी भरोसा नहीं कर पा रही है।
हम केजरीवाल और केसीआर पर भरोसा नहीं कर पा रहे- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने पिछले आठ-नौ सालों में भारतीय जनता पार्टी की मदद की है। शर्मा ने शनिवार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय सदाकत आश्रम में संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस के एक आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में पूरी जिम्मेदारी के साथ मैं कहता हूं कि हम अभी भी अरविंद केजरीवाल और केसीआर पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।”
‘नीतीश कुमार तय कर सकते हैं कि किसे साथ लेकर चलना है’
अपनी बात को पुख्ता करने के लिए शर्मा ने वापस ले लिए गए कृषि बिलों के लिए दिल्ली के सीएम के समर्थन को रेखांकित किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक ने भ्रष्टाचार के खुलासे के लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की गिरफ्तारी की भी मांग की थी। शर्मा ने कहा, “हम इसे नीतीश बाबू के विवेक पर छोड़ते हैं। वह तय कर सकते हैं कि किसे साथ लेकर चलना है।”
कांग्रेस बोली मोदी सरकार की नीतियों से बिहार को नुकसान
आलोक शर्मा ने यह भी दावा किया कि एनडीए भाजपा के पूर्व सहयोगियों के साथ या तो अलग हो गया था या भाजपा पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगा रहा था, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए जो 2014 से सत्ता से बाहर है, बरकरार है और यहां तक कि कुछ नए सहयोगी भी उसमें जुड़े हैं। बिहार में कांग्रेस के सात साल, सात सवाल दस्तावेज़ जारी करने वाले एआईसीसी प्रवक्ता ने नरेंद्र मोदी सरकार पर अपनी नीतियों से राज्य को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “यूपीएससी और एसएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में राज्य के युवाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया, दोनों को भर्ती कम करने के लिए मजबूर किया गया है। सशस्त्र बल यहां एक लोकप्रिय करियर विकल्प रहा है, यही कारण है कि बिहार ने अग्निपथ योजना के खिलाफ सबसे अधिक विरोध देखा।”