अभिनेता से भाजपा नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘एनिथिंग बट खामोश’ में अपनी निजी, फिल्मी और राजनीतिक जिंदगी से जुड़े तमाम राज खोले हैं।
जानें किताब में क्या लिखा है शत्रुघ्न सिन्हा ने…
1.शत्रुघ्न ने किताब में कहा है कि बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन उनकी शोहरत से परेशान थे। अमिताभ अपनी कुछ फिल्मों में उन्हें नहीं देखना चाहते थे। शत्रुघ्न के मुताबिक, उन्होंने अमिताभ बच्चन के लिए कई फिल्में छोड़ दीं। यहां तक कि प्रोड्यूसरों से लिया साइनिंग अमाउंट तक लौटा दिए।
2. शत्रुघ्न का कहना है कि एक्ट्रेस जीनत अमान और रेखा की वजह से उनके और अमिताभ बच्चन के बीच दरार बढ़ी।
3. शत्रुघ्न का कहना है कि उन्हें 1991 में उन्हें साथी बॉलीवुड सितारे राजेश खन्ना के खिलाफ दिल्ली से चुनाव लड़ने की वजह से काफी दुख हुआ था। उन्होंने राजेश खन्ना से माफी भी मांगी थी। बता दें कि इस चुनाव में वे राजेश खन्ना से चुनाव हार गए थे।
4. सिन्हा ने अपनी किताब में लिखा है कि उस चुनाव में हारना मेरे लिए निराशा के दुर्लभ क्षणों में से एक था। वह लिखते हैं, ‘वह पहला मौका था, जब मैं रोया था। मुझे इस वजह से भी निराशा हुई कि आडवाणी जी मेरे लिए एक दिन भी चुनाव प्रचार करने नहीं आए।’
5.शत्रु के मुताबिक, चुनाव हारते ही उन्हें साइडलाइन कर दिया गया। अशोका रोड के पार्टी ऑफिस में उन्हें कोई तरजीह नहीं दी जाती थी। जब वे वहां जाते थे, तो लोग उनसे बात ही नहीं करते थे।
6. सुशील मोदी नहीं चाहते थे कि शत्रुघ्न पटना से चुनाव नहीं लड़े। सुशील मोदी ने गतिरोध पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
7. सिन्हा ने अपनी किताब में बताया है, ‘वह पहला मौका था, जब मैं रोया था। मुझे इस वजह से भी निराशा हुई कि आडवाणी जी मेरे लिए एक दिन भी चुनाव प्रचार करने नहीं आए।’
8. शत्रुघ्न ने कहा कि बीजेपी में डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट उनके खिलाफ काम कर रहा है।
9. पार्टी में कुछ नेता ऐसे भी हैं जो 2014 में इलेक्शन हारे, लेकिन उन्हें मंत्री बना दिया गया।
10. किताब में शत्रुघ्न ने कहा है कि लाल कृष्ण आडवाणी नंबर वन नेता हैं और उन्हें ही पीएम पद का कैंडिडेट बनाया जाना चाहिए था।