फीफा 2022 विश्व कप से लेकर आम चुनावों तक- ये वो कारण हैं, जो 14 देशों द्वारा दिए गए हैं, जिन्होंने नो मनी फॉर टेरर (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है। यह एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय बैठक है, जिसमें यह चर्चा होती है कि कैसे टेरर फंडिंग से निपटा जाए। 18-19 नवंबर को तीसरे NMFT सम्मेलन की मेजबानी गृह मंत्रालय द्वारा की जाएगी और इसमें अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “पहला NMFT सम्मेलन 2018 में पेरिस में आयोजित किया गया था और दूसरा 2019 में मेलबर्न में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि भारत 2020 में बैठक की मेजबानी करेगा। लेकिन कोविड महामारी के कारण योजना बदल दी गई थी। अब यह दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।”
सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भारत ने इस आयोजन के लिए 87 देशों और 26 बहुपक्षीय संगठनों को आमंत्रित किया है। वहीं कुछ देश अभी भी बैठक में भाग लेने के लिए अपनी पुष्टि कर रहे हैं, जबकि कुछ देशों ने इसमें भाग लेने में असमर्थता की जानकारी दी है।
एक सूत्र ने बताया कि अब तक लगभग 50 देशों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है और उनमें से कुछ ने मंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का आश्वासन देकर अपनी पुष्टि की है। लगभग 14 देशों ने अपना वैध कारण बताकर इसमें भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है।
एक सूत्रों ने कहा कि कतर ने 20 नवंबर से शुरू होने वाले फीफा 2022 विश्व कप का हवाला देते हुए इसमें भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है, जबकि मलेशिया ने अक्टूबर में अपनी संसद भंग होने के बाद आम चुनावों का हवाला दिया। वहीं इराक ने सूचित किया कि वह भाग लेने में सक्षम नहीं होगा क्योंकि वहां नई नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं।
सूत्रों ने कहा कि सम्मेलन में आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझान, आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग, नई प्रौद्योगिकियों और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने में चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सहित कई विषयों पर चर्चा होगी।