देश के प्रतिष्ठित उद्योग समूह अडानी ने हाल ही में जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की कमान अपने हाथ में लेने के तुरंत बाद ही गुरुवार की रात तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन, प्रबंधन और विकास की जिम्मेदारी भी संभाल ली है। इसके औपचारिक अधिग्रहण का ऐलान करते हुए अडानी समूह ने एक ट्वीट में कहा कि ‘देवत्व के देश में’ यात्रियों की सेवा और उनका स्वागत करना सौभाग्य की बात है।
अडानी समूह ने कहा, ‘‘जीवन को यात्रा के बेहतरीन अनुभवों से जोड़ते हुए हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा अब अच्छाई का प्रवेश द्वार (Gateway to Goodness) है। हमें हरे-भरे, सुंदर समुद्र तटों और उत्तम व्यंजनों से युक्त भगवान के अपने देश में यात्रियों की सेवा करने और उनका स्वागत करने का सौभाग्य मिला है।’’
समूह ने यह ट्वीट अंग्रेजी और मलयालम भाषाओं में गुरुवार आधी रात के बाद किया। अडानी समूह ने केरल में सत्ताधारी एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ दोनों के विरोध के बावजूद हवाई अड्डे का संचालन अपने हाथ में ले लिया। पिछले साल, केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से हवाई अड्डे के निजीकरण के विरोध में एक प्रस्ताव पास किया था।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अडानी समूह द्वारा हवाई अड्डे के अधिग्रहण की आलोचना करते हुए कहा था कि यह सुविधा के विकास के लिए नहीं बल्कि इजारेदारों के हितों की रक्षा के लिए था। तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा राज्य के चार हवाई अड्डों में पहला है। 1932 में स्थापित, हवाई अड्डे का स्वामित्व और संचालन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के पास था।
इससे पहले राजस्थान के जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन की जिम्मेदारी अडानी समूह ने लिया था। समूह ने सोमवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) से जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जिम्मेदारी संभाल ली।
भारत सरकार ने अडानी समूह को 50 वर्ष की अवधि के लिए इसकी जिम्मेदारी दी है। हवाई अड्डा निदेशक जेएस बल्हारा ने मुख्य हवाई अड्डा अधिकारी अडानी जयपुर इंटरनेशनल लिमिटेड विष्णु झा को हवाई अड्डे की सांकेतिक चाबी सौंपी। कंपनी ने सोमवार सुबह बारह बजे एयरपोर्ट पर की जिम्मेदारी संभाल ली।