केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों के समर्थन में अब अन्ना हजारे ने भी आवाज उठाई है। मंगलवार को एक दिवसीय भारत बंद पर बोलते हुए गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने कहा कि विपक्षी दल केवल चुनाव के लिए किसानों का समर्थन कर रहे हैं। अन्ना ने इस पर रोष जताते हुए कहा कि आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने के लिए होना चाहिए, राजनीतिक फायदा लेने के लिए नहीं। अन्ना किसानों के समर्थन में एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं।

उन्होंने एक रिकॉर्ड किए हुए संदेश में कहा, ‘मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए। सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा, लेकिन कोई हिंसा ना करें।’

अन्ना हजारे ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। कहा कि यह सही वक्त है और किसानों के लिए सड़कों पर आंदोलन होना चाहिए। कहा कि वे पहले भी ऐसे संघर्ष का समर्थन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

इस बीच केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के सदस्यों और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के बीच जयपुर भाजपा कार्यालय के बाहर मंगलवार को झड़प हो गई। किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर रैली निकाल पर प्रदर्शन किया। वहीं, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का एक समूह प्रदर्शन करने के लिए भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर एकत्र हुआ, जहां उनकी भाजपा युवा मार्चा के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गयी।