केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों के समर्थन में अब अन्ना हजारे ने भी आवाज उठाई है। मंगलवार को एक दिवसीय भारत बंद पर बोलते हुए गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने कहा कि विपक्षी दल केवल चुनाव के लिए किसानों का समर्थन कर रहे हैं। अन्ना ने इस पर रोष जताते हुए कहा कि आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने के लिए होना चाहिए, राजनीतिक फायदा लेने के लिए नहीं। अन्ना किसानों के समर्थन में एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं।
उन्होंने एक रिकॉर्ड किए हुए संदेश में कहा, ‘मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए। सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा, लेकिन कोई हिंसा ना करें।’
अन्ना हजारे ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। कहा कि यह सही वक्त है और किसानों के लिए सड़कों पर आंदोलन होना चाहिए। कहा कि वे पहले भी ऐसे संघर्ष का समर्थन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
विपक्षी पार्टियां चुनावों के चलते भारत बंद आंदोलन में हिंसा ले रही है, ये गलत बात है: अन्ना हजारे#AnnaHazare #BharatBandh @vinodjagdale80 pic.twitter.com/8q7OdjxPPL
— News24 (@news24tvchannel) December 8, 2020
इस बीच केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के सदस्यों और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के बीच जयपुर भाजपा कार्यालय के बाहर मंगलवार को झड़प हो गई। किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर रैली निकाल पर प्रदर्शन किया। वहीं, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का एक समूह प्रदर्शन करने के लिए भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर एकत्र हुआ, जहां उनकी भाजपा युवा मार्चा के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गयी।