उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर रोक लगने के बाद इस धंध से जुड़े लोग परेशान है। रोज़ाना करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। ऑल इंडिया मीट एंड लीवस्टोक एक्सपोर्ट्स एसोसियेशन के प्रवक्ता फौज़ान अल्वी का कहना है कि पुलिस से परेशानी उन लोगों को गौरक्षकों से है जो अब शहंशाह जैसा व्यवहार करने लगे हैं। फौजान अल्वी का कहना है कि लोग अपने जानवरों को बेचने के लिए मंडियों या बूचडखानों तक नहीं ला पा रहे हैं। फौजान अल्वी का कहना है कि इसकी वजह स्वयंभू गौ रक्षकों का पैदा हो जाना है। ये गौरक्षक किसानों से जानवरों को छीन लेते हैं और उनसे पैसे की उगाही करते हैं। अंग्रेजी वेबसाइट रेडिफ डॉट कॉम के मुताबिक गौ रक्षकों को पुलिस का भी भय नहीं है क्योंकि पुलिस भी इनका कुछ नहीं करती है और गायों की छोड़ दीजिए भैंस को भी ये गौरक्षक स्लाटर हाउस तक आने नहीं देते हैं।

बूचडखानों से जुड़े मालिकों का कहना है कि गौरक्षक पहले ही दिल्ली एनसीआर मेरठ और पश्चिमी यूपी में काफी सक्रिय थे, लेकिन इस सरकार के आने के बाद तो वे मानो राजा बन गये हों, फौजान अल्वी के मुताबिक, ‘गौरक्षकों ने अब सब चीजें अपने कस्टडी में ले ली है अब वे भैंस रक्षक बन गये हैं।’ अगर हम ट्रक के जरिये भैंस का मीट ले जाते हैं तो वे इसे रोक लेते हैं और कहते हैं कि गाय का मीट है, इसके बाद लड़ाई शुरू हो जाती है।’ फौजान का कहना है कि गौरक्षक ट्रकों में आग लगा देते हैं, या फिर ट्रक को इतना देर रोक देते हैं कि मीट खराब होने लगता है। इससे हमारा करोड़ों का नुकसान होता है।

जब फौजान से पूछा गया कि, पीएम ने पिछले साल गौरक्षकों को चेतावनी दी थी और उन पर अपना गुस्सा जाहिर किया था क्या इससे उनपर कोई असर नहीं पड़ा है। फौजान बताते हैं कि, ‘ गौरक्षकों पर किसी का असर नहीं है वो अपने आप को सभी से ऊपर समझते हैं, उनपर किसी का कंट्रोल नहीं है वे खुद को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से भी ऊपर समझते हैं, इन पर लगाम लगाना जरुरी हो गया है। फौजान अल्वी का कहना है कि इस साल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जब से अपना घोषणापत्र जारी किया है और कत्लखानों पर रोक लगाने का वादा किया है तब से अबतक सिर्फ यूपी में ही मीट व्यवसाय से जुड़े लोगों का 4000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश कर समस्या का समाधान निकालना चाह रहे हैं।