उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी की तरफ से आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में पार्टी प्रमुख मायावती ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोला। मायावती ने सवाल किया कि हिंदू-मुस्लिमों के पूर्वज एक हैं तो आरएसएस, बीजेपी वाले मुसलमानों से “सौतेला” जैसा व्यवहार क्यों करते हैं?

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मुझे कल मीडिया के ज़रिए मालूम हुआ है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक ही हैं। मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि एक ही हैं तो आरएसएस की बीजेपी हर स्तर पर मुसलमानों के साथ सौतेला रवैया क्यों अपना रही है।

गौरतलब है कि पुणे में ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कश्मीरी छात्रों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम एवं राष्ट्र सर्वोच्च’ विषयक संगोष्ठी में कहा, ‘‘हिंदू शब्द हमारी मातृभूमि, पूर्वज और संस्कृति की समृद्ध धरोहर का पर्यायवाची है तथा इस संदर्भ में हमारे लिए हर भारतीय हिंदू है, चाहे उसका धार्मिक, भाषायी व नस्लीय अभिविन्यास कुछ भी हो।’’ उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के पुरखे एक ही थे। भागवत ने कहा कि भारतीय संस्कृति विविध विचारों को समायोजित करती है और अन्य धर्मों का सम्मान करती है।

बताते चलें कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बसपा की तरफ से ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं को साधने का प्रयास जारी है। इसी तहत पार्टी की तरफ से ‘प्रबुद्ध सम्मेलन’करवाया गया। मंगलवार को उसका समापन लखनऊ में हुआ जिसे मायावती ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मायवती ने कहा कि उन्होंने कहा कि ब्राम्हण समाज के लोग भी कहने लगे हैं कि, हमने BJP के प्रलोभन भरे वादों के बहकावे में आकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर बहुत बड़ी गलती की है। BSP की रही सरकार ने ब्राम्हण समाज के लोगों के सुरक्षा, सम्मान, तरक्की के मामले में हर स्तर पर अनेको ऐतिहासिक कार्य किए हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि दलित वर्ग के लोगों पर शुरू से गर्व रहा है कि उन्होंने बिना गुमराह और बहकावे में आए कठिन से कठिन दौर में भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। ये लोग मज़बूत चट्टान की तरह पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। उम्मीद है कि बसपा से जुड़े अन्य सभी वर्गों के लोग इनकी तरह आगे कभी गुमराह नहीं होंगे।