केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि आप दो नावों पर एक साथ खड़े नहीं हो सकते वरना राज्य के लोगों के सामने बेनकाब हो जाएंगे। उन्होंने एक बार फिर ठाकरे पर हमला बोला है और तीन तलाक अयोध्या, राम मंदिर निर्माण, समान नागरिक संहिता और मुसलमानों के लिए आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने उन पर भाजपा को धोखा देने का भी आरोप लगाया है।
नांदेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ रहते हुए उद्ध ठाकरे औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर, उस्मानाबाद का नाम धाराशिव और अहमदनगर करने का समर्थन नहीं कर सकते। पिछले साल अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि आप दो नावों पर एक साथ खड़े नहीं हो सकते। आप राज्य के लोगों के सामने बेनकाब हो जाएंगे।
अमित शाह ने चुनौती दी कि ठाकरे तीन तलाक की प्रथा को समाप्त करने, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, समान नागरिक संहिता लागू करने और मुसलमानों के लिए आरक्षण पर सहमत हैं या नहीं, इस पर अपना रुख स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को अपना चुनाव चिह्न धनुष-बाण वापस मिल गया है और यह तय हो गया है कि असली शिवसेना कौन है।
अमित शाह केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर भाजपा के संपर्क अभियान के तहत नांदेड़ में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले साल ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को नहीं गिराया बल्कि ठाकरे की नीतियों से थक चुके शिवसैनिक शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ जाने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में लोगों को यह तय करना है कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, नरेंद्र मोदी या कांग्रेस के नेता राहुल गांधी।
शाह ने कहा, “भाजपा अध्यक्ष के रूप में मैंने और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बातचीत की थी जिसमें ठाकरे सहमत थे कि अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन विजयी हुआ, तो फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, 2019 चुनाव के नतीजे आने के बाद ठाकरे ने वादा तोड़ दिया और राकांपा की गोद में बैठ गए।” उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी और विश्वासघात का काम उद्धव ठाकरे ने किया था। उन्होंने कहा कि चुनाव पीएम मोदी और देवेंद्र फडणवीस के नाम पर लड़ा गया और सीएम बनने के लिए उद्धव कांग्रेस की गोद में बैठ गए।