हरियाणा में बीजेपी की सरकार है लेकिन जननायक जनता पार्टी के रहमोकरम पर। अभी तक सरकार में सब कुछ ठीक ही लग रहा है। लेकिन अमित शाह के एक बयान से दोनों दलों के रिश्तों में तल्खी दिखनी शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि न तो हम बीजेपी को रोक सकते हैं और न ही बीजेपी हमें। अगर वो अकेले लड़ने को तैयार हैं तो हम भी तैयार हैं। सभी 10 लोकसभा सीट पर लड़ेंगे।

अमित शाह ने इसी सप्ताह सिरसा की एक रैली में कहा था कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तैयारी 300 पार सीटें जीतने की है। हरियाणा को लेकर उनका कहना था कि पार्टी 10 की 10 लोकसभा सीटें जीतने में सक्षम है वो भी अपने दम पर। उनका ये दावा दुष्यंत चौटाला को रास नहीं आया।

दुष्यंत ने दिए पिता अजय चौटाला को भिवानी से उतारने के संकेत

हालांकि दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार बेहतरीन तरीके से चल रही है। उसे लेकर कहीं कोई संशय नहीं है। लेकिन उन्होंने इशारा दिया कि वो भी लोकसभा चुनाव में अकेले ताल ठोंक सकते हैं। उनका कहना था कि वो अपने पिता अजय चौटाला को भिवानी से उतारने की तैयारी में हैं। उनका कहना था कि जेजेपी के बनने के बाद से लगातार उनका वोटबैंक बढ़ा है। इस साल इसे 40 फीसदी वोटों तक ले जाने का लक्ष्य है। उनका कहना था कि हम सांगठनिक तौर पर इतने समर्थ हैं कि बीजेपी हमें नहीं रोक सकती। न ही हम बीजेपी को रोकने की स्थिति में हैं।

2019 में जेजेपी का बीजेपी से हुआ था गठबंधन

2019 से जेजेपी हरियाणा में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है। दोनों के बीच गठबंधन तब हुआ जब 2019 के आम चुनाव के ऐन बाद हुए हरियाणा के असेंबली चुनाव में बीजेपी बहुमत के आंकड़े 46 से कुछ दूर रह गई। बीजेपी को तब 40 सीटें ही मिल सकी थीं। हरियाणा की असेंबली में कुल 90 सीटें हैं। हालांकि बीजेपी निर्दलियों को लेकर सरकार बना सकती थी। अलबत्ता इन विधायकों में गोपाल कांडा भी शामिल थे।

एयरहोस्टेस खुदकुशी प्रकरण में नाम उछलने के बाद से गोपाल कांडा कुख्यात हो चुके हैं। लिहाजा बीजेपी ने उनसे दूरी बनाने में ही भलाई समझी। ऐसे में जेजेपी से दोस्ती का हाथ बढ़ाया गया। जेजेपी ने भी मौके की नजाकत को समझते हुए दोस्ती को कबूल किया। दुष्यंत चौटाला खुद सूबे के डिप्टी सीएम बने। उनके सभी 10 विधायक इसके लिए राजी थे।