कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा है कि प्रशांत किशोर के लिए कांग्रेस में जगह है कि नहीं, इस पर हम उचित समय पर विचार करेंगे। कहा कि “दरवाज़ा समय पर खोलना पड़ता है। अगर हमें लगता है कि किसी को लाने से चुनाव में फायदा है, तो उस पर विचार करेंगे…। आज भाजपा के अंदर एक भगदड़ की स्थिति है। भाजपा के ऐसे कई लोग हैं जो कांग्रेस में आना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि पार्टी खुद तय करेगी कि किसे लेना है और किसे नहीं लेना है, आने वाले की इच्छा के हिसाब से पार्टी में जगह नही मिलती है। कुछ समय पहले यह चर्चा जोरशोर से उठी थी कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। उस समय राहुल गांधी समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं से उनकी मुलाकात भी हुई थी। तब यह भी कहा जा रहा था कि प्रशांत किशोर पार्टी में निर्णायक पद को पाना चाहते हैं, हालांकि उस समय इस पर तुरंत कोई फैसला नहीं लिया जा सका था।
इस बीच पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह के चलते सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा और सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। कई दिनों तक पंजाब में हंगामे के चलते जब हालात कुछ सुधरे तब पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने हाईकमान से इस पद की जिम्मेदारी किसी और को देने काे कहा और खुद को मुक्त करने का आग्रह किया। फिलहाल वे उत्तराखंड में होने जा रहे चुनाव के लिए पार्टी का काम संभाल रहे हैं।
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी के भीतर अनुशासन एवं एकजुटता बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि पार्टी में राज्य स्तर के नेताओं के बीच नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता एवं समन्वय का अभाव दिखता है। पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अगर लड़ाई जीतनी है तो जनता के समक्ष भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘दुष्प्रचार’ एवं ‘झूठ’ को बेनकाब करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें भाजपा / आरएसएस के द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार के खिलाफ लड़ना है। अगर यह लड़ाई जीतनी है तो हमें पूरे संकल्प के साथ यह करना होगा और जनता के समक्ष उनके झूठ को बेनकाब करना होगा।’’ सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा, ‘‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी रोजाना विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण और विस्तृत बयान जारी करती है। परंतु यह अनुभव किया गया है कि ब्लॉक और जिला स्तर के हमारे कार्यकर्ताओं तक यह नहीं पहुंचता। नीतिगत मुद्दे हैं जिन पर पर मुझे स्पष्टता एवं समन्वय के अभाव का पता चलता है तथा यह हमारे राज्य स्तर के नेताओं के बीच भी है।’’