कृषि कानूनों पर जारी किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बीच आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से बातचीत की। किसान सम्मान निधि के 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के साथ ही पीएम ने अरुणाचल प्रदेश के किसानों के साथ संवाद में कहा कि कृषि कानूनों को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कृषि कानूनों से उनकी जमीन चली जाएगी। पीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि क्या अगर कोई किसान किसी कंपनी को अदरक बेचेगा, तो उसकी जमीन नहीं जाएगी, सिर्फ उत्पाद का ही समझौता होगा।
कुछ लोग भोले-भाले किसानों से झूठ फैला रहे है: पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों से पूछा कि यह कानून छोटे किसानों को प्राइवेट कंपनियों को जोड़ते भी हैं। क्या वो कंपनी जो आपसे अदरक खरीदती है, वो आपकी अदरक ही ले जाती है, या जमीन भी ले जाती हैं?
इस पर जब एक व्यक्ति ने कहा कि हमने अपने उत्पाद का समझौता किया है, जमीन हमारे पास ही रहेगा, तो पीएम बोले कि आप अरुणाचल के इतने कोने में बैठे हैं, लेकिन आपको विश्वास है कि जमीन आपके पास ही रहेगी। लेकिन कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि अगर कोई आपकी फसल का कॉन्ट्रैक्ट करेगा, तो आपकी जमीन भी चली जाएगी। अब इतना झूठ बोल रहे हैं।
#WATCH कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी। इतना झूठ बोल रहे हैंः अरुणाचल के किसान के साथ संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/Rurs7t6mfR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 25, 2020
एग्रीमेंट से किसानों का नुकसान नहीं कर सकतीं कंपनियां: प्रधानमंत्री ने कहा- पंजाब में कई कंपनियां एग्रीमेंट फार्मिंग कर रही हैं। अगर फसल खराब हो गई तो सामने वाला एग्रीमेंट खत्म नहीं कर सकता, लेकिन किसान एग्रीमेंट कभी भी खत्म कर सकता है। पहले एग्रीमेंट तोड़ने पर किसानों पर जुर्माना लगता था, अब किसानों को कुछ नहीं देना पड़ता। अगर कंपनी को फसल से ज्यादा मुनाफा होगा, तो उसे फसल के दाम से अलग बोनस भी किसान को देना होगा। यानी अब रिस्क उठाने का मामला किसान नहीं, बल्कि कंपनी के जिम्मे है।
कुछ नेता चला रहे एजेंडा, सरकार बात करने के लिए तैयार: मोदी ने आगे कहा, “कुछ नेता किसानों के नाम पर अपना एजेंडा चला रहे हैं। किसानों को गुमराह कर रहे हैं। उनके कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। ये लोग हिंसा के आरोपियों को जेल से छुड़वाने की मांग कर रहे हैं। हम भरोसा दिलाते हैं कि किसानों के विश्वास पर कोई आंच नहीं आने देंगे। चर्चा के लिए हम तैयार हैं। समाधान के लिए हम खुला मन लेकर चल रहे हैं। लेकिन विपक्ष से बात सिर्फ मुद्दों पर होगी, तर्क और तथ्यों पर होगी।”