पंजाब कांग्रेस की कलह शांत होने का नाम नहीं ले रही है। नए घटनाक्रम में सीएम अमरिंदर ने पार्टी चीफ नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों को हिदायत देते हुए कहा है कि वो उन्हें सलाह देने तक सीमित रहें। कश्मीर-पाक जैसे मसलों पर बोलने से गुरेज करें। नहीं तो बात का बतंगड़ बन सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी ऐसे मसलों पर बोलना गलत है।

अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के सलाहकारों में से दो के विचारों से नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें कड़ी चेतावनी दी है। सीएम ने कश्मीर और पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर सिद्धू के सलाहकारों दो की कथित गलत बयानी के खिलाफ चेतावनी दी है। सीएम ने उनको ऐसे विषय से दूरी बनाने को कहा है जो देश की शांति और स्थिरता के के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं।

पंजाब सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सिद्धू के सलाहकारों से आग्रह किया कि वे अपने अध्यक्ष को सलाह देते रहें। लेकिन उन मामलों पर न बोलें जिनके बारे में उन्हें स्पष्ट रूप से कम या कोई जानकारी नहीं है। नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच रिश्तों में दरार किसी से छिपी नहीं है। हालांकि चुनाव की तैयारियों को लेकर दोनों एक साथ काम करते नजर आ रहे हैं लेकिन परदे के पीछे दोनों के संबंध सहज नहीं दिखाई देते।

दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू के चार एडवाइजर्स में से एक मलविंदर सिंह माली ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने कश्मीर के एक अलग देश होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनों अवैध कब्जेदार हैं। माली ने कहा था कि कश्मीर एक अलग देश है और भारत व पाकिस्तान, दोनों अवैध कब्जेदार हैं। कश्मीर वहां के लोगों का है।

यही नहीं माली ने एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का विवादित स्केच पोस्ट किया है। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में इंदिरा गांधी का स्केच बनाया है। इसमें वह मानव खोपड़ी के ढेर के पास खड़ी हुई दिखाई दे रही हैं। फोटो में उन्होंने एक बंदूक पकड़ी हुई है। उसकी नली पर भी खोपड़ी लगी है। पंजाब कांग्रेस में हंगामा खड़ा हो गया है।

पंजाब कांग्रेस में सीएम अमरिंदर और सिद्धू के बीच कलह खत्म नहीं हो पा रही है। पंजाब काग्रेस की कमान नवजोत सिद्धू की दिए जाने के बाद पार्टी में विवाद खत्म होने के आसार दिख रहे थे लेकिन कैप्टन के तेवर देखकर लगता नहीं है कि माहौल में कोई शांति है। अगले साल होने वाले असेंबली चुनाव को लेकर जहां बाकी दल रणनीति बना रहे हैं वहीं कांग्रेस दो दिग्गज नेताओं की रार से नहीं उबर पा रही है।