कोरोना विषाणु संक्रमण के लगातार कम होते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दो साल बाद, 31 मार्च से कोरोना संबंधी सभी पाबंदियों को हटाने का फैसला किया है। हालांकि, मास्क लगाने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने के नियम लागू रहेंगे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि 24 महीने में वैश्विक महामारी के प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं, जैसे बीमारी का पता लगाने, निगरानी, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, उपचार, टीकाकरण, अस्पताल के बुनियादी ढांचे के विकास आदि के संबंध में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए।

उन्होंने कहा कि साथ ही, अब आम जनता भी कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक उचित व्यवहार को लेकर काफी जागरूक है। भल्ला ने पत्र में लिखा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने भी अपनी क्षमताओं व प्रणालियों को विकसित किया है और वैश्विक महामारी के प्रबंधन के लिए अपनी विस्तृत विशिष्ट योजनाओं को लागू किया है। सात हफ्ते में नए मामलों की संख्या में भारी गिरावट आई है।

भल्ला ने राज्यों को भेजे पत्र में लिखा है कि वैश्विक महामारी के कम होते प्रकोप की स्थिति और सरकार की तैयारियों पर गौर करने के बाद, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फैसला किया है कि कोरोना रोकथाम उपायों के लिए डीएम अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की अब कोई आवश्यकता नहीं है। उनके मुताबिक लागू नियमों की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही है और उसके बाद गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कोई और आदेश जारी नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना से निपटने के कुछ उपायों, जैसे मास्क पहनने और हाथ साफ रखने आदि नियमों को जारी रखने का फैसला किया है। भल्ला ने कहा कि इसलिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह है कि वे कोरोना रोकथाम उपायों के लिए डीएम अधिनियम, 2005 के तहत आदेशों तथा दिशानिर्देशों को उचित रूप से हटाने पर विचार करें।