पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर किले में लगी प्रथम सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की नौ फुट ऊंची कांस्य की बनी प्रतिमा प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक कार्यकर्ता ने मंगलवार को तोड़ दी।

इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने केंद्र सरकार से इस मामले में दाखल देने को कहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसको लेकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है और इस मामले में उनकी चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। 2019 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर किले में स्थापित नौ फीट लंबी सिख शासक की प्रतिमा को तीसरी बार तोड़ दिया गया है।

शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं लाहौर किले में शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़े जाने की निंदा करता हूं। ऐसा तीसरी बार हुआ है। इससे सिख भावनाओं को गहरा ठेस पहुंची है। मैं विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप करने और सुरक्षा उपायों के साथ उसी स्थान पर प्रतिमा के पुनर्निर्माण को सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।”

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने इस घटना पर पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की “चुप्पी” पर सवाल उठाए। उन्होंने सिद्धू से अपने “दोस्त” पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान से मूर्ति की तोड़फोड़ पर सवाल करने के लिए कहा।

भाजपा नेता ने सिद्धू को याद दिलाया कि इमरान खान के कार्यकाल के दौरान महाराजा रणजीत सिंह का लाहौर में अपमान किया गया है। तरुण चुग ने कहा, “क्या सिद्धू अपने दोस्त से पूछ सकते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि अब इमरान खान सरकार अफगानिस्तान में तालिबान को पूरा समर्थन दे रही है। चुग ने पूछा, “क्या सिद्धू ने भारत और भारतीयों के लिए बोलने के लिए अपनी जुबान खो दी है।”

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें आरोपी नारे लगाते हुए मूर्ति की बांह तोड़ते और सिंह की प्रतिमा को घोड़े से नीचे गिराते दिख रहा है। वीडियो में यह भी दिखा कि इसी दौरान एक अन्य व्यक्ति प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति को आकर रोकता है।

समाचारपत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि टीएलपी कार्यकर्ता को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लाहौर किले के प्रशासन ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक ट्वीट में कहा कि इस तरह के ‘‘अनपढ़ वास्तव में पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि के लिए खतरनाक हैं।’’ राजनीतिक संचार पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉ शहबाज गिल ने कहा कि आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।