Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। अजित पवार को राज्य का दूसरा डिप्टी सीएम बनाया गया। जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। सवाल उठ रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में क्या शिंदे 2.0 बनेंगे अजित पवार। क्योंकि अजित पवार ने एनसीपी के नाम और निशाना पर शरद पवार को सीधी चुनौती दी है। उन्होंने एनसीपी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने का दावा किया है।
मीडिया को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि आज हमने महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है और मंत्री पद की शपथ ली है। विभागों पर बाद में चर्चा होगी। राष्ट्रीय स्तर पर सभी पहलुओं पर विचार करते हुए हमने ये फैसला लिया है।
अजित पवार ने कहा कि हमने NCP के लगभग सभी विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ आने का फैसला लिया। हमने आज शपथ ली और अगले विस्तार में कुछ अन्य मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।
महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम ने कहा कि कई लोग हमारी आलोचना करेंगे परन्तु हम उसे महत्व नहीं देते। हम महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करते रहेंगे। इसीलिए हमने यह निर्णय लिया है। हमारे अधिकांश विधायक हमारे फैसले से संतुष्ट हैं। हमने NCP पार्टी के साथ इस सरकार का समर्थन किया है। हम सभी चुनाव NCP के नाम पर ही लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों से इस वक़्त संपर्क नहीं हो पा रहा, क्योंकि वे देश से बाहर हैं, लेकिन मैंने उन सभी से बात की है और वे हमारे फैसले से सहमत हैं।
महाराष्ट्र को जल्द मिलेगा नया मुख्यमंत्री: संजय राउत
NCP नेता अजित पवार के साथ महाराष्ट्र के दूसरे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर संजय राउत ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम चल रहा था। हमें पहले से पता था। इस बारे में मैंने पहले भी कहा था कि यह हो सकता है। एकनाथ शिंदे के उपर जो डिस्क्वालिफिकेशन की तलवार लटक रही थी वो जल्द ही गिरने वाली है। उनके साथ 16 विधायक जो गए थे वे डिस्क्वालिफाई हो जाएंगे। अभी कुछ दिनों में महाराष्ट्र को एक और मुख्यमंत्री मिलेगा।
2019 में भी अजित पवार कर चुके बगावत
महाराष्ट्र में इस बड़े सियासी घटनाक्रम के बाद कई सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि अजित पवार ऐसी बगावत पहले भी कर चुके हैं। साल 2019 में जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हुए थे, उस दौरान किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। सुबह खबर आई कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और इस सरकार को बनाने के लिए उन्होंने NCP से बगावत करने वाले अजित पवार से समर्थन लिया था। जिनको डिप्टी सीएम बनाया गया था।
अजित पवार उस वक्त तीन दिन के लिए डिप्टी सीएम रहे। इसके बाद NCP नेता अजित पवार ने फडणवीस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। जिससे फडणवीस सरकार गिर गई थी। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि पहले की तरह कहीं अजित पवार अपने फैसले से न पलट जाएं।
महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे 2.O बनेंगे अजित पवार
एक वाक्या जून 2022 का भी है, जब उद्धव गुट और शिंदे गुट के बीच सियासी तकरार शुरू हुई थी, तब एकनाथ शिंदे ने अपने खेमे के कुछ विधायकों के साथ उद्धव गुट से बगावत कर दी थी। इसके बाद शिवसेना नेता कुछ दिनों तक गुवाहाटी के होटल में भी जाकर ठहरे थे। इसके बाद लौटकर उन्होंने भाजपा के साथ सरकार बनाने का दावा ठोंका था। भाजपा के समर्थन से शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाई और देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने। शिवसेना के इसी पूरे घटनाक्रम को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि कहीं अजित पवार एकनाथ शिंदे की भूमिका में तो नजर नहीं आ सकते।