Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं? इस सवाल का अभी तक सही उत्तर नहीं मिल सका है। क्योंकि अजित पवार ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जबकि इसी के ठीक उलट उनकी पार्टी एनसीपी ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है। एनसीपी के राज्य प्रमुख सुनील तटकरे को भरोसा है कि अजित पवार बारामती नहीं छोड़ेंगे और इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
एनसीपी सूत्रों ने कहा कि अजित पवार की टिप्पणी को नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपने विरोधियों को भ्रमित करने की रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए। एनसीपी के एक नेता ने कहा, “यह विरोधियों को भ्रमित करने की रणनीति का हिस्सा है, जो उनसे आगे निकलने की योजना बना रहे हैं।”
तटकरे ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, “किसी को भी इसका (पवार की टिप्पणी का) गलत मतलब नहीं निकालना चाहिए। आगामी विधानसभा चुनाव में एनसीपी अजित पवार के नेतृत्व में लड़ेगी…वह चुनावी मैदान में पूरी तरह से शामिल होंगे। इस बारे में किसी के मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। मैं उनसे बात करूंगा।”
शुक्रवार को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए तटकरे ने कहा, “कल मैं अजित पवार से उनके बयान के बारे में बात करना चाहता था, लेकिन हम सब अपनी ‘जन सम्मान यात्रा’ में व्यस्त होने के कारण ऐसा नहीं कर पाए…आज भी हम पूरे दिन व्यस्त रहे। मैं शाम को उनसे बात करने की कोशिश करूंगा। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वह हमारी पार्टी का नेतृत्व आगे रहकर कर रहे हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या अजित पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिसे वह जीतते रहे हैं, तटकरे ने जोर देकर कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है।
तटकरे ने यह भी बताया कि पवार का यह बयान कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं, उनसे पूछे गए एक सवाल के जवाब में था। तटकरे ने कहा, “उन्होंने यह घोषणा नहीं की कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनसे पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से जय पवार (उनके बेटे) को मैदान में उतारने की मांग के बारे में पूछा गया था। इसके बाद अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी।” उन्होंने कहा कि बारामती के लोगों को अपने विधायक पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, “अजित पवार ने पिछले तीन दशकों में बारामती के विकास को आगे बढ़ाया है।”
वहीं दूसरी तरफ एनसीपी (एसपी) दिग्गज नेता शरद पवार के पोते और अजीत पवार के भतीजे युगेंद्र पवार को बारामती से मैदान में उतार सकती है। एनसीपी (एसपी) के एक नेता ने कहा, “इसलिए उन्होंने (अजीत पवार) कहा कि उन्हें परिवार में राजनीति नहीं लानी चाहिए।” अपनी ओर से युगेंद्र ने गुरुवार को इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि पार्टी प्रमुख शरद पवार जो भी फैसला लेंगे, वे उसका पालन करेंगे।
युगेंद्र पिछले कुछ महीनों से राजनीति में सक्रिय हैं और उन्होंने सुनेत्रा के खिलाफ सुले के लिए प्रचार किया था। वह बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
गुरुवार को पुणे में अपनी जन सम्मान यात्रा के दौरान अजित पवार ने कहा, “मैंने अब तक सात से आठ बार चुनाव लड़ा है। मुझे फिर से चुनाव लड़ने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। अगर हमारे पार्टी कार्यकर्ता जय को मैदान में उतारने की मांग कर रहे हैं, तो हम इस बारे में सोचेंगे। हमारा संसदीय बोर्ड इस बारे में फैसला लेगा।”
2019 के लोकसभा चुनाव में अजित पवार के बड़े बेटे पार्थ पवार को मावल निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना के श्रीरंग बारने ने दो लाख से ज़्यादा वोटों से हराया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में अजित की पत्नी सुनेत्रा पवार अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले से बारामती में 1.5 लाख से ज़्यादा वोटों से हार गईं।
जय पवार ने 2019 में मावल में अपने भाई के लिए प्रचार किया था, वहीं उन्होंने बारामती लोकसभा क्षेत्र में अपनी मां के चुनाव अभियान को भी साथ मिलकर संभाला था।
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, “हमने सुना है कि अजित पवार बारामती से भाग रहे हैं। उनका कहना है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। ऐसा लगता है कि उनकी बहन द्वारा उनकी रणनीति और उनकी पत्नी को हराने के बाद उनके कदम ठंडे पड़ गए हैं।”
शरद पवार की पार्टी एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने कहा, “मुझे लगता है कि वे मेरे खिलाफ भी बारामती जैसा प्रयोग करने की योजना बना रहे हैं। या तो अजित दादा या उनकी पार्टी का कोई शीर्ष नेता मेरे खिलाफ चुनाव लड़ सकता है।”
बारामती विधानसभा सीट से लगातार जीतते आ रहे अजित पवार ने 2019 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 1,65,265 वोटों से जीत दर्ज की थी। अजित पवार को 1,95,641 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार गोपीचंद पडलकर को सिर्फ 30,376 वोट मिले थे।
(मनोज दत्तात्रेय मोरे, अजय जाधव की रिपोर्ट)