असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा है कि ईद उल अजहा के दिन मुसलमान गौ हत्या न करें। उन्होंने कहा कि हिंदू गाय की पूजा करते हैं, इसलिए उनकी भावनाओं का वो सम्मान करें।
लोकसभा सांसद ने मुसलमानों से गायों की बलि देने से परहेज करने का आग्रह करते हुए कहा कि हिंदू इसे अपनी मां मानते हैं और इस तरह के कृत्य से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा- “भारत कई अलग-अलग समुदायों और धर्मों के लोगों का घर है। सनातन धर्म, जो गाय को एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है, का पालन अधिकांश भारतीयों द्वारा किया जाता है। हिंदू गाय को मां मानते हैं।”
इसके साथ ही अजमल ने 2008 में दारुल उलूम देवबंद की इसी तरह की अपील का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मुसलमानों को मवेशियों की बलि देना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम में किसी भी खास जानवर की बलि के बारे में नहीं कहा गया है। इसलिए मुसलमान गाय को छोड़कर किसी अन्य जानवर की बलि दे सकते हैं। गाय के अलावा बकरी, भैंस, भेड़ जैसे जानवरों की बलि दी जा सकती है। अल्लाह उनकी कुर्बानी कबूल कर लेंगे। इसके अलावा असम में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी मुसलमानों से ईद पर गायों का वध नहीं करने को कहा।
सांसद बदरुद्दीन अजमल असम में मुस्लिमों के नेता माने जाते हैं। असम के मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के सांसद हैं और उन्हें अक्सर कट्टर एजेंडे का समर्थन करते देखा गया है। हालांकि हाल के दिनों में इनके रुख में नरमी आई है। भाजपा इन्हें बांग्लादेशी मुसलमानों को लेकर घेरती रही है।
वहीं विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अजमल की इस अपील का स्वागत किया है। विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने अपील का स्वागत करते हुए कहा कि मुस्लिम नेताओं को अल्पसंख्यक समुदाय से गायों की हत्या को स्थायी रूप से बंद करने की अपील करनी चाहिए।