भारत की सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया अब टाटा का हो चुकी है, लेकिन इसकी ब्रिकी को लेकर बीजेपी के अपने ही लगातार सवाल उठा रहे हैं। सरकार जहां एयर इंडिया के निजीकरण से खुश है, वहीं बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी इस सौदे को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी ने इकॉनोमिक्स टाइम्स का एक आर्टिकल शेयर करते हुए ट्वीट कर इसे पोंजी स्कीम कहा है। स्वामी ने लिखा- एयर इंडिया की खरीद के लिए 15,000 करोड़ रुपये कर्ज के रुप में जुटाने की संभावना है। मतलब जिस एयर इंडिया को भारत सरकार ने बेचा, उसे सरकारी बैंक ही फाइनेंस कर रही है। ये पोंजी स्कीम है।

आठ अक्टूबर को सरकार ने घोषणा की थी कि एयर इंडिया के लिए सबसे ज्यादा बोली टाटा ने लगाई है और अब टाटा ही एयर इंडिया का मालिक है। टाटा ने एयर इंडिया को लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। जिसमें 15,300 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में और बाकी नगद देना है।

इस डील के फाइनल होने और उससे पहले भी स्वामी एयर इंडिया की बिक्री और टाटा के इसे खरीदने पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। स्वामी ने कुछ दिन पहले ही इस नीलामी प्रक्रिया को फर्जी करार दिया था। स्वामी ने कहा था कि स्पाइस जेट शुरू से ही इस नीलामी के लिए अयोग्य थी, क्योंकि वह अपने कर्मचारियों के भुगतान करने के मामले में गलती कर चुकी है।

स्वामी इससे पहले इस डील के खिलाफ कोर्ट भी जाने की बात कह चुके हैं। स्वामी पीएम से एयर इंडिया को नहीं बेचने की भी अपील कर चुके हैं। इस डील के साथ-साथ और कई प्रोजक्ट के लिए स्वामी टाटा पर हमला बोलते रहे हैं। बीजेपी सांसद ने इससे पहले नए संसद के प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर भी टाटा पर निशाना साधा था। स्वामी, रतन टाटा पर भी सीधे तौर पर हमला बोल चुके हैं। एयर एशिया को लेकर तो स्वामी कोर्ट भी गए थे। एयर एशिया में भी टाटा की स्वामित्व है।

हालांकि स्वामी के बयानों को अब बीजेपी नरअंदाज करती दिख रही है। स्वामी इस डील के साथ-साथ भारत-चीन, अफगानिस्तान-भारत और वित्त नीति को लेकर मोदी सरकार को कई बार कठघरे में खड़ा कर चुके हैं।