उत्तर प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुये एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी अध्योध्या से इस महीने की सात तारीख से तीन दिन के प्रदेश दौरे की शुरूआत करेंगे। इधर भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्य सरकार में मंत्री बृजेश पाठक से जब इस मुद्दे पर सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने का अधिकार सबके पास है। लेकिन जनता इन्हें “बरसाती जीव-जंतुओं” की तरह देखती है।

मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि चुनाव हर कोई लड़ सकता है लेकिन सिर्फ चुनाव के समय जो राजनीतिक दल अपनी गतिविधियों को बढ़ाते हैं उसे “बरसाती जीव-जंतुओं” की तरह ही माना जाता है। जनता ऐसे राजनीतिक दल को जानती है। एक अन्य बीजेपी नेता केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री किशोर कौशल से जब अयोध्या (Ayodhya) में ओवैसी के कार्यक्रम पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि वह अयोध्या में कार्यक्रम करने जा रहे हैं।

वह अयोध्या में अपना सम्मेलन करें और राम मंदिर जाकर भगवान का आशीर्वाद लें तो उनके लिए और अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि वह आंदोलन करें, कोई उनको रोक नहीं सकता है। जनता उनके विचारों और भावनाओं को जानती समझती है।कौशल किशोर ने कहा कि जनता, जानती है कि उसको किस पार्टी ने क्या दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की जन आशीर्वाद रैलियों को लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है।

बताते चलें कि अखिल भारतीय मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने शुक्रवार को बताया था कि ओवैसी सात सितंबर को अध्योध्या जिले के रुदौली में स्थित सूफी संत शेख आलम मखदूम जदा की 18 वीं शताब्दी में बनी दरगाह पर जायेंगे और वहां एक जनसभा करेंगे । उन्होंने बताया, ‘‘आठ एवं नौ सितंबर को वह क्रमश: सुलतानपुर और बाराबंकी में जनसभा करेंगे ।’’उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकारों का मानना है कि यदि ओवैसी, चंद्रशेखर आजाद और राजभर एक साथ आ जाते हैं। तो उत्तर प्रदेश की मुस्लिम, दलित और पिछड़ी जाति के वोट बैंक का सारा समीकरण बिगड़ जाएगा। इसे राजनीति की दुनिया में सोशल इंजीनियरिंग के नए प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है। जिसका परिणाम, चुनावों के नतीजों के साथ सामने आएगा।