विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही बंगाल में राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गयी है। पहली बार बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने मौजूदा सभी राजनीतिक दलों के लिए इस लड़ाई को और मुश्किल बना दिया है। बीते दिनों ओवैसी की बंगाल में एक प्रस्तावित रैली को पुलिस की परमिशन ना मिल पाने के कारण रद्द कर दिया गया। रैली रद्द होने पर ओवैसी की पार्टी के प्रवक्ता ने तृणमूल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है।

आजतक टीवी न्यूज चैनल पर आयोजित एक कार्यक्रम में राजनीतिक विश्लेषक तौसिफ अहमद अहमद खान ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी को बंगाल में आने से कोई रोक नहीं रहा है। बल्कि एआईएमआईएम के नेता अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाए हैं। यहाँ तक कि बंगाल में ना उनका कोई नेता है, ना कोई कार्यालय है और ना ही कोई कार्यकर्ता है। साथ ही उन्होंने कहा कि ओवैसी साहब जिस फुरफुरा शरीफ के अब्बास पीरजादा के साथ गठबंधन करने वाले थे। उन्होंने जब कार्यक्रम किया तो ओवैसी साहब उस कार्यक्रम में ही नहीं दिखे।

इसके अलावा कार्यक्रम को पुलिस परमिशन ना मिल पाने के सवाल पर तौसिफ अहमद खान ने कहा कि बंगाल में आने के लिए किसी को भी परमिशन नहीं लेनी पड़ती है। साथ ही उन्होंने कहा कि पब्लिक रैली को परमिशन देना या ना देना पूरी तरह से प्रशासन का मामला है। इसके जवाब में एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि क्या पुलिस परमिशन के लिए पार्टी को अपना एजेंडा या गठबंधन के बारे में बताना पड़ेगा। साथ ही वारिस पठान ने कहा कि आपकी पार्टी के बड़े बड़े नेता टीएमसी छोड़ कर चले जाते हैं तो क्या वे ओवैसी साहब को पूछ कर जाते हैं।

इसके अलावा वारिस पठान ने कहा कि हमने तो लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन इसके बावजूद भाजपा 18 सीट जीतकर चली गयी। आगे वारिस पठान ने कहा कि अगर आपमें इन पार्टियों को हराने की हिम्मत नहीं है तो क्या आप हमें बी टीम बोल देंगे। वहीँ लेफ्ट और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के सवाल पर वारिस पठान ने कहा कि हमारी बातचीत अन्य पार्टियों के साथ भी चल रही है और जैसे ही कोई फैसला होगा हम आप सबको जरूर बताएँगे।

आपको बता दूँ कि इस बार पश्चिम बंगाल में वोटिंग आठ चरणों में होगी। बंगाल में  27 मार्च, 1, 6, 10, 17, 22, 26, 29 अप्रैल को मतदान होगा और 2 मई को परिणाम घोषित किए जायेंगे।