राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में जारी चर्चा में भाग लेते हुए मंगलवार को एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चीन के मुद्दे पर भारत सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को रोकने के लिए दीवार खड़ा कर रही, जबकि चीन देश के अंदर घुसकर अपना गांव बसा लिया और सरकार उसके खिलाफ एक शब्द नहीं बोल पा रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी देश में आंदोलन होते रहेंगे और सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के नियम बनाएगी, उसके बाद हम लोग दोबारा सड़कों पर उतरेंगे।

कहा कि चीन ने हमारे 20 जवानों को सीमा पर मार डाला। सरकार उनकी शहादत भूल गई। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर एक गांव बसा लिया, सरकार में साहस नहीं है कि वह चीन को बता सके कि उसने ऐसा किया है। चीन सिक्किम के नाकुला में घुस रहा है। पूछा कि सरकार, खासकर, प्रधानमंत्री को किसका डर है? चीन भारत की जमीन हड़प रहा है और भारत चीन का नाम नहीं लेता है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जब वह अपना जवाब देंगे तो वह साहस दिखाएंगे चीन का नाम लेंगे।

उन्होंने सदन में अपनी बात रखते हुए एक शेर पढ़ी-“चीन पे करम, किसानों पर सितम, रहने दे थोड़ा सा भ्रम, ऐ जान-ए-वफा ये जुल्म न कर।” कहा कि चीन लगातार अपने सैनिक और साजोसामान वहां बढ़ा रही है। कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि जब बर्फ पिघलेगी और चीन दोबारा भारत सुरक्षा बलों पर हमला करेगा, उस वक्त के लिए सरकार ने क्या तैयारी की है?

उन्होंने किसानों के मुद्दे पर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हमने टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बार्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था कर ली है, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में नहीं। कहा कि किसानों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, उससे लगता है कि जैसे ये चीनी सेना के लोग हैं। कहा कि आपको कानून वापस लेने होंगे और अपने अहम को छोड़ना होगा।