दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से कहा है कि वह गुर्दे से संबंधित बीमारी से जूझ रहे चार वर्षीय एक बच्चे के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन का तत्काल आयात करे। ‘हार्सशू किडनी’ नामक बीमारी में जन्म से पहले गुर्दों के निचले सिरे आपस में जुड़े होते हैं। यह आदेश अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को मिले एक ईमेल के आधार पर दर्ज जनहित याचिका पर आया है।
याचिका में बच्ची की मां ने शिकायत की थी कि ‘डेक्सेल’ नामक इंजेक्शन देश में उपलब्ध नहीं है। महिला ने शिकायत में कहा कि उसके बेटे के इलाज के लिए इंजेक्शन की तत्काल आवश्यकता है। याचिका में कहा गया है कि एम्स ने महिला को नंद नगरी में ईएसआइसी डिस्पेंसरी से इंजेक्शन लाने भेजा था क्योंकि बच्चे के पिता कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) योजना के लाभार्थी हैं। हालांकि, डिस्पेंसरी ने उन्हें यह कहते हुए एम्स वापस भेज दिया कि इंजेक्शन खरीदा नहीं जा सकता क्योंकि यह देश में उपलब्ध नहीं है।
ईएसआइसी ने अदालत को सूचित किया कि इंजेक्शन की खरीद से इनकार करने का एकमात्र कारण भारत में इसकी अनुपलब्धता थी। इसने अदालत को यह भी बताया कि भारतीय औषधि ग्रंथ (फार्माकोपिया) में इसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। ईएसआइसी के वकील ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ से एम्स को इंजेक्शन खरीदने का निर्देश देने का आग्रह किया और कहा कि ईएसआइसी इसकी खरीद पर आने वाली पूरी लागत की प्रतिपूर्ति करेगा। एम्स के वकील ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई।
एम्स में सितंबर तक भरे जाएंगे सभी खाली पद
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सभी खाली व नए सृजित पदों को भरने के लिए मुहिम शुरू की जाएगी। एम्स निदेशक डा एम श्रीनिवास ने जारी परिपत्र में कहा है कि एम्स में सितंबर 2023 तक करीब सभी पदों पर भर्ती कर ली जाएगी। इस मुहिम के तहत कोशिश होगी कि सितंबर तक एक भी पद खाली न रह जाएं।
एम्स में बने कई नए केंद्रों में अधिक मरीजों को सहूलियत मिलने की उम्मीद है, लेकिन डाक्टरों, नर्सों व अन्य कर्मचारियों के खाली पदों व नई भर्ती में कमी रहने से अभी वह केंद्र पूरी तरह काम नहीं कर पा रहे हैं। मरीजों की जांच, इलाज, चिकित्सा शिक्षा व शोध के काम में तेजी लाने व इसे और बेहतर करने की दिशा में कदम उठाते हुए एम्स प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि सभी पदों को भरा जाए। इसके लिए हृदय रोग विभाग के डा आर नारंग को इसके लिए मुख्य संयोजक बनाया गया है। वे परीक्षा प्रकोष्ठ , संकाय प्रकोष्ठ व भर्ती प्रकोष्ठ के बीच तालमेल बढ़ा कर भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाएंगे।