कृषि बिल को लेकर मत विभाजन की मांग खारिज किए जाने को लेकर राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सफाई जारी की है। उन्होंने कहा है, “मत विभाजन की मांग विपक्षी दलों के सांसद ने अपनी सीटों से नहीं उठाई थी।” सदन में हंगामे के बीच वह कह रहे थे कि सदस्यों को मांग के दौरान सीटों पर रहना चाहिए। हालांकि, Rajya Sabha Television की फुटेज कुछ और ही कहानी बयां करती है। हमारे सहयोगी अखबार ‘The Indian Express’ ने फुटेज (दोपहर एक बजे के काल क्रम से) को देखा तो पाया कि सदन 15 मिनट के लिए जब स्थगित किया गया था, तब दो सांसद (DMK के तिरुची सिवा और CPM के केके रगेश) मत विभाजन की मांग के दौरान अपनी सीटों पर थे।

दोपहर 1 बजेः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दो बिलों पर चर्चा के बीच जवाब दे रहे थे। उनसे डिप्टी चेयरमैन ने कहा था 1 बजा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन के विस्तार का प्रस्ताव रखा। डिप्टी चेयरमैन ने पूछा कि क्या सदन बिल के निस्तारण तक बैठने को राजी है? कांग्रेसी आनंद शर्मा और जयराम रमेश ने सोमवार को कार्यवाही जारी रखने के लिए कहा। फिर वे और सिवा डिप्टी चेयरमैन से इस पर सदन का मत जानने के लिए बोले। डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि आम सहमति है, जिसके बाद उन्होंने तोमर को जारी रखने के लिए कहा। इसी के बाद सदस्य आगे वेल की ओर बढ़े और चिल्लाने लगे थे।

दोपहर एक बजकर तीन मिनट परः विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा अगर सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है, तो ऐसा ‘आम सहमति के आधार पर’ होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा- ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां ‘कह रही हैं कि वक्त आज नहीं बढ़ाया जाना चाहिए और मंत्री कल जवाब दे सकते हैं…।

एक बजकर सात मिनट परः डिप्टी चेयरमैन ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच बिल पास होने से पहले डिप्टी चेयरमैन ने वैधानिक प्रस्तावों का निपटान शुरू किया। उन्होंने CPM के केके रगेश को बुलाया, जिन्होंने एक सांविधिक संकल्प बढ़ाया था। फिर एक अज्ञात सदस्य को गैलरी में अपनी सीट पर जाने के लिए बोले। रगेश तब गैलरी में सीट पर थे।

एक बजकर आठ मिनट परः ध्वनि मत में वैधानिक संकल्प नकार दिया गया। फिर वह एक प्रस्ताव समिति के संदर्भ में रागेश द्वारा बढ़ाए गए प्रस्ताव को लेते हैं। ध्वनि मत से इसे भी नकार दिया जाता है।

दोपहर एक बजकर नौ मिनट परः हरिवंश तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन द्वारा बढ़ाए गए एक प्रस्ताव को चुनते हैं। यह प्रस्ताव भी ध्वनि मत से नकार दिया जाता है। इसी दौरान विभाजन की मांग करते हुए एक आवाज आती है। फिर कुछ सेकंड के लिए ऑडियो बंद हो जाता है। उप सभापति कहते हैं कि सीट से विभाजन की मांग की जानी चाहिए।

दोपहर एक बजकर 10 मिनट परः डिप्टी चेयरमैन अब DMK के तिरुचि शिवा द्वारा एक प्रस्ताव को लेते हैं। यह भी ध्वनि मत से नकार दिया जाता है। विजुअल में स्पष्टः सिवा अपनी सीट पर दिखते हैं। वह इस दौरान एक हाथ उठाकर विभाजन की मांग कर रहे थे। डेरेक ओ ब्रायन इसके बाद अपने हाथ में नियम पुस्तिका की एक प्रति के साथ अध्यक्ष के पोडियम पर पहुंचते हैं। चिल्लाते हैं “आप यह नहीं कर सकते हैं…नियम क्या है?” विजुअल में सिवा तब सीट पर ही थे।

दोपहर एक बजकर 11 मिनट परः डिप्टी स्पीकर खंड दर खंड बिल पर विचार करते हैं। वह रगेश द्वारा खंड II में बढ़ाए गए संशोधनों को लेते हैं। विजुअल में रगेश अपनी सीट पर विभाजन की मांग करते हुए दिखे। बाद में वॉयस वोट में संशोधनों को नकार दिया गया।

दोपहर एक बजकर 12 मिनट परः रगेश सीट पर थे और सिवा भी अपनी सीट पर रहते हुए कुछ कागज फाड़ रहे थे। सदन में इसके बाद मामला गर्माया।

दोपहर एक बजकर 13 मिनट परः एक अज्ञात सदस्य चेयरमैन के पोडियम पर लगे माइक्रोफोन उखाड़ने की कोशिश करते हैं।

दोपहर एक बजकर 14 मिनट परः ऑडियो चली जाती है और बंद ही रहती है।

दोपहर एक बजकर 26 मिनट परः सदन 15 मिनटों के लिए स्थगित ही रहता है।

अंग्रेजी अखबार ‘द संडे एक्सप्रेस’ को डेरेक ओ ब्रायन ने बताया, “मैं मत विभाजन के लिए सीट से चिल्लाया था। सिवा और मुझे संसद में 30 साल का अनुभव है। हमें मालूम था कि हमने प्रस्ताव आगे बढ़ाए हैं। हमारे हेडसेट्स ऑन थे। स्वाभाविक है कि हम सीट पर ही थे। हम मत विभाजन (वोटिंग) की मांग को कई बार नजरअंदाज किया गया। कम से कम संसद के चार नियम तोड़े गए।”

रगेश के मुताबिक, “मैं वेल में गया, तो चेयरमैन ने वक्त बढ़ा दिया। पर मंत्री ने जब स्पीच रोकी थी और डिप्टी चेयरमैन ने प्रस्तावों के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू की, मैं वापस ऊपर अपनी सीट पर आ गया था। मैं सीट पर ही था। मैं वहीं से मत विभाजन के लिए चीखा, पर डिप्टी चेयरमैन ने मेरी तरफ देखा तक नहीं। डेरेक ओ ब्रायन और सिवा के प्रस्तावों के बाद जब उन्होंने मेरा संशोधन लिया, तब मेरा माइक्रोफोन चालू हुआ। डिप्टी चेयरमैन ने मेरी ओर देखा। जब चेयर आपकी ओर देखती है, तब कैमरे का फोकस आप पर ही होता है। मैं फिर मत विभाजन के लिए चिल्लाया। उन्होंने एक ध्वनि मत लिया और संशोधन द्वारा उसे नकार दिया।”

वहीं सिवा ने बताया- पहले दिन से मैं कह रहा हूं कि मैं सीट पर था और जब मेरा नाम पुकारा गया था, तब मैंने वहीं से मत विभाजन की मांग की थी। मैं कई बार वहीं से चिल्लाया था। पर डिप्टी चेयरमैन ने देखा नहीं था। वह जब मेरी ओर देखेंगे तभी उन्हें पता चलेगा कि मैं क्या मांग उठा रहा हूं।

द संडे एक्सप्रेस ने इस बारे में डिप्टी सीएम को भी कुछ सवाल भेजे, पर उनकी ओर से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया। सचिवालय में सूत्रों के हवाले से बताया कि वह सदस्यों द्वारा “विचलित” हो गए थे, जो उसके पोडियम के करीब जा रहे थे।