ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी। उन्होने घोषणा करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और यह हमेशा से उनकी यही योजना रही है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इसे ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया है।
क्या नवीन पटनायक की घटना विपक्षी एकता के लिए एक झटका है?
अकेले चुनाव लड़ने को लेकर नवीन पटनायक की यह घोषणा नीतीश कुमार के उन प्रयासों को लगे एक झटके के तौर पर देखी जा रही है जिनमें वह पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी से हुई अपनी मुलाक़ात को लेकर बात करते हुए नवीन पटनायक ने कहा कि हमारे मुद्दों को लेकर पीएम ने हर संभव मदद की बात कही है।
दिल्ली पहुंचे नवीन पटनायक ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उनकी अन्य किसी भी दल के नेता से मिलने की योजना नहीं है। हालांकि नवीन पटनायक ने इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी, जो भाजपा के सबसे तीखे आलोचकों में से एक हैं।
लगातार विपक्षी एकता से दूरी
जब से नवीन पटनायक 2008 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से बाहर हुए थे तब से वह एनडीए या विपक्ष को समर्थन देने के मामले में अडिग रहे है। साथ ही उनकी पार्टी ने विपक्षी बैठकों को छोड़ दिया है। मंगलवार (9 मई) को नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद पटनायक ने गठबंधन पर किसी तरह की चर्चा से इनकार किया था।
उन्होंने कहा, “हमारी दोस्ती जगजाहिर है और हम कई साल पहले सहयोगी थे। आज किसी भी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।”, विपक्ष की चालों के बीच नीतीश कुमार से मिलने के लिए तैयार होने को एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा गया। नीतीश कुमार 18 मई को दिल्ली में विपक्षी नेताओं की बैठक की योजना बना रहे हैं।