सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एडवोकेट प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट के लिए क्षमा याचना से इंकार करने वाले बयान पर पुनर्विचार करने और बिना शर्त माफी मांगने के लिए 24 अगस्त तक का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को उनके दो ट्वीटों के कारण अवमानना का दोषी माना है।
दिलचस्प यह है कि गुरुवार शाम सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए इस आदेश में अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल की उपस्थिति दर्ज नहीं है। ‘लाइव लॉ’ के मुताबिक, फैक्ट यह है कि अवमानना मामले में सजा को लेकर ढाई घंटे तक चली सुनवाई के दौरान वह (केके वेणुगोपाल) मौजूद थे। सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने एजी से परामर्श भी किया था कि क्या प्रशांत भूषण को ‘विचार करने के लिए’ और अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करने वाले बयान पर ‘पुनर्विचार’ करने का समय दिया जाए।
अटॉर्नी जनरल प्रशांत भूषण को समय दिए जाने को लेकर सहमत थे। अटॉर्नी जनरल ने तीन जजों वाली पीठ से प्रशांत भूषण के सार्वजनिक हित में किए गए कार्यों को देखते हुए दंडित नहीं किए जाने का अनुरोध भी किया था। हालांकि, पीठ अटॉर्नी जनरल के प्रशांत भूषण को दोषी नहीं ठहराए जाने की दलील पर सहमत नहीं हुई। अदालत ने कहा कि हम यहां मामले की मेरिट पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
सुनवाई के अंत में अटॉर्नी जनरल ने कई पूर्व जजों के सुप्रीम कोर्ट में लोकतंत्र खत्म होने और शीर्ष जूडिशिएरी में भ्रष्टाचार वाले बयानों का हवाला दिया। अटॉर्नी जनरल ने कहा, इस कोर्ट के अगर पांच जज कहते हैं कि लोकतंत्र खत्म हो गया…. इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा, मिस्टर अटॉर्नी हम यहां मामले की मेरिट पर विचार नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि जब प्रशांत भूषण ने यह कहा कि वह सजा भुगतने के लिए तैयार हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपने बयान पर फिर से विचार करने के लिए कहा। इस पर प्रशांत भूषण ने कहा, ‘मैं बयान पर पुनर्विचार नहीं करना चाहता। समय देने के संबंध में, मुझे नहीं लगता कि यह कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा करेगा।’
जस्टिस अरुण मिश्रा ने दोहराया कि न्यायालय उन्हें विचार करने के लिए समय दे रहा है। इस पर प्रशांत भूषण ने कहा, ‘योर लॉर्डशिप, अगर आप मुझे समय देना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह किसी उपयोगी उद्देश्य की पूर्ति करेगा। यह न्यायालय के समय की बर्बादी होगी। बहुत संभावना नहीं है कि मैं अपना बयान बदलूंगा।’
ये है मामला: अदालत और सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर विवादित ट्वीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराया था। जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा था कि 20 अगस्त को सजा पर बहस होगी।