चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ के कोर्ट रूम में आज फिर से तल्ख माहौल देखने को मिला। पहले एक बात से बतंगड़ बना। फिर तल्खी इतनी ज्यादा बढ़ी कि सीजेआई अपना आपा खो बैठे। बेसिरपैर की बहस कर रहे वकील को सबक सिखाने के लिए उन्होंने अपना ही आदेश बदल दिया। सुप्रीम कोर्ट की एक नंबर कोर्ट में मौजूद वकील और जज भी सीजेआई के तेवर देखकर कुछ देर के लिए हक्के बक्के रह गए।

दरअसल, सीजेआई की बेंच के सामने एक PIL लगी थी। इसमें वॉकिंग आई फाउंडेशन संस्था की तरफ से एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वो उसकी याचिका की सुनवाई कर बेलगाम हो चुके हाथी Arikomban का पता लगाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी करे। बेंच में जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल थे। सीजेआई ने वकील से दो टूक कहा कि वो इस मामले में हाईकोर्ट के पास जाए।

वकील की दलील थी कि हाथी की एक झलक पाने के लिए लाखों लोग इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वो करके कोई आदेश जारी करे। उसका कहना था कि हाथी का पता नहीं लग पा रहा है। वो जानवर की हालत जानने के लिए बेचैन है। तमिलनाडु सरकार को चाहिए कि वो हाथी की तस्वीर जारी करे। हमें ये तो पता चले कि हाथी जिंदा भी है या नहीं। हाथी का सुराग न तो केरल में लग रहा है और न ही तमिलनाडु में।

सीजेआई ने पहले वकील को हाईकोर्ट जाने की दी थी छूट

सीजेआई ने कहा कि आप केरल हाईकोर्ट जा सकते हैं। हमारे पास इस हाथी को लेकर इतनी ज्यादा रिटें लग चुकी हैं कि हम आजिज आ गए हैं। सीजेआई ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आपको हम छूट दे रहे हैं कि हाईकोर्ट जाकर अपनी बात कहें। वो बेहतर बता सकते हैं।

लेकिन एडवोकेट ने उनकी बात नहीं मानी। उसने दलील दी कि 32 रिटों के प्रति सुप्रीम कोर्ट का ये नजरिया ठीक नहीं है। उसका कहना था कि हाथी कुछ समय के लिए केरल में था तो कुछ समय के लिए तमिलनाडु में। वो नहीं समझ पा रहा है कि कौन से हाईकोर्ट में जाकर अपनी गुहार लगाए।

वकील नहीं माना तो भड़के सीजेआई, लगा दिया 25 हजार का जुर्माना

वकील की लगातार दलीलों से सीजेआई ने अपना आपा खो दिया। उन्होंने एडवोकेट को वार्निंग देते हुए कहा कि कोर्ट का सम्मान करिए। ये मत समझिए कि आप कुछ भी कहकर निकल जाएंगे। आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उसके बाद उन्होंने अपने पहले के आदेश को तब्दील करते हुए वकील पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। उनका कहना था कि आपको सबक सिखाना ही पड़ेगा।

गौरतलब है कि Arikomban बेलगाम और हिंसक हो गया था। वो लोगों को नुकसान पहुंचा रहा था। उसके बाद उसे केरल के जंगलों से दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया। उसके बाद से ये पता नहीं लग पा रहा है कि हाथी दरअसल है कहां। उसका पता जानने के लिए कई सारी रिटें लगी हैं।