लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले बड़ा बयान दिया है। एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि मोदी को भगवान राम ने चुना, वे सिर्फ सारथी मात्र थे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्हें काफी शुरुआत में ही इस बात का अहसास हो गया था कि राम आंदोलन में वे तो सिर्फ एक सारथी थे।

अपनी चर्चित रथ यात्रा को याद करते हुए आडवाणी ने बताया कि जब इसे शुरू किया गया था, किसी को नहीं पता था कि ये एक जन आंदोलन बन जाएगा। आडवाणी ने उस यात्रा के दौरान पीएम मोदी की भूमिका को भी याद किया। उनका मानना है कि उस समय तो मोदी सिर्फ उनके एक सहायक थे। तब वे ज्यादा लोकप्रिय भी नहीं थे, लेकिन लगता है कि राम ने अपने अनन्य भक्त को उसी समय मंदिर जीर्णोद्धार के लिए चुन लिया था।

अब आडवाणी ने रथ यात्रा की बढ़ती लोकप्रियता का जिक्र तो किया ही, इसके साथ-साथ उन्होंने उन लोगों की जन आकाक्षांओं के बारे में भी बताया जो जबरन अपनी आस्था को दबाए बैठे थे। एक किस्से के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब रथ यात्रा सुदूर गांव पहुंचे, एक ग्रामीण भावुक हो गए और उन्होंने जोर-जोर से राम का जयकारा लगा दिया। ये इस बात का संदेश था कि सभी चाहते थे कि भगवान राम का मंदिर बने, बस अपनी इच्छाएं दबाए बैठे थे।

जानकारी के लिए बता दें कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आडवाणी को भी निमंत्रण भेजा गया है। वे इस कार्यक्रम में शामिल भी होने जा रहे हैं, उन्होंने जोर देकर कहा है वे इस प्राण प्रतिष्ठा के लिए आतुर हैं। इससे पहले ऐसी खबर जरूर आई थी कि उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें कार्यक्रम में शामिल ना होने के लिए कहा गया था। लेकिन बाद में उन्हें भी निमंत्रण दिया गया जिसे आडवाणी ने स्वीकार कर लिया।