नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग इलाके में चल रहे आंदोलन को समर्थन देने के लिए सोमवार को पंजाब किसान यूनियन के कार्यकर्ता भठिंडा के मनसा से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। किसानों का एक दूसरा ग्रुप भी मंगलवार को राजधानी के लिए रवाना होगा। ये लोग 8 फरवरी तक वहां रहेंगे। उनका कहना है कि हमारा विरोध-प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक कानून वापस नहीं हो जाता है। हम इसके लिए संघर्ष करते रहेगे।
नागरिकता संशोधन बिल (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए किसान संगठनों ने 16 फरवरी को संगरूर के मालेरकोटला में प्रस्तावित सभा के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। मनसा में 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन विरोध भी शुरू होने की संभावना है। पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुल्डू सिंह मनसा ने बताया, “हम लोग सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए शाहीनबाग के लिए निकल चुके हैं।”
मंगलवार को सैकड़ों किसान संगरूर से बसों में सवार होकर शाहीन बाग के लिए रवाना होंगे। किसान संगठन बीकेयू (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने बताया, “हम 8 फरवरी तक विरोध-प्रदर्शन करने वालों के लिए लंगर आयोजित करने को साथ में राशन भी ले जा रहे हैं। हमें लगता है कि अपने मुस्लिम भाई-बहनों के लिए खड़े होना हमारा नैतिक जिम्मेदारी है।” कहा कि इसमें सबको साथ आना चाहिए।
पंजाब लोक संपर्क मंच के संयोजक अमोलक सिंह ने कहा कि मालरकोटला में 16 फरवरी के विरोध में समर्थन जुटाने के लिए मालवा क्षेत्र में जिलों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि उस दिन का विरोध पंजाब के इतिहास में सबसे बड़ा हो। इसके लिए किसान और मजदूर संगठन ओवरटाइम काम कर रहे हैं। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ पंजाबी और उर्दू में नारे लगाए जा रहे हैं।”