आम आदमी पार्टी (आप) के बागी धड़े ने मंगलवार को तय किया ‘न छोड़ेंगे, न तोड़ेंगे, पहले पूरे देश को जोड़ेंगे।’ देश भर से आए पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रभारियों के साथ मंगलवार को पूरे दिन चले ‘स्वराज संवाद’ में मतदान में बहुमत से यह तय हुआ कि आप किसी एक व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों के समूह की नहीं है। यह देश को बदलने का सपना देखने वाले हर इंसान की है।
संवाद में शामिल अधिकांश कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र और पारदर्शिता नहीं है। उनका कहना था कि जिन मूल्यों के लिए वो सब कुछ छोड़ पार्टी खड़ी करने में लगे उन मूल्यों से किसी को समझौता नहीं करने दिया जाएगा। पार्टी में उन मूल्यों की स्थापना और देश भर में आंदोलनों से लोगों की उम्मीद को बचाने के लिए देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। आप की चेतावनी के बावजूद विधायक पंकज पुष्कर स्वराज संवाद में शरीक हुए। कार्यक्रम में पार्टी के पूर्व लोकपाल एडमिरल रामदास का संदेश पढ़कर सुनाया गया।
आप नेता प्रशांत भूषण ने स्वराज संवाद में अलग पार्टी बनाने के संकेत तो दिए लेकिन कहा कि अभी उसके लिए उचित समय नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अभी अलग पार्टी बनाने में ऊर्जा खर्च करने की जगह पार्टी के मूल्यों के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अण्णा हजारे के मना करने के बाद भी हमने राजनीति में सफाई और सुराज के लिए जिस पार्टी का गठन किया, आज उस पार्टी में ही स्वराज नहीं है।
आप पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल खेमे का नाम लिए बिना उन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आप को चौकड़ी से मुक्ति दिलाना हमारा पहला लक्ष्य है। इसके लिए हमारे पास तीन विकल्प हैं, एक तो पार्टी को इस चौकड़ी से छुड़ाने की कोशिश करें। दूसरा विकल्प यह कि हम नई पार्टी बनाएं और तीसरा विकल्प यह कि हमने जो गलती इसबार की वो न दुहराएं।
प्रशांत ने कहा,‘मुझे आज गुस्सा जरूर आता है कि जिस पार्टी को हम लोगों ने मिलकर बनाया था उस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। अगर हम कब्जे का हटाने की कोशिश करेंगे तो इसके लिए हमें कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।’ उन्होंने कहा कि किसी पार्टी के लिए कार्यकर्ता सबसे महत्त्वपूर्ण होते हैं, जब वो हमारे साथ हैं तो हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि राजनीति में जवाबदेही का जो सपना देखा गया था, उसे साकार कैसे किया जाए।
‘स्वराज संवाद’ में मौजूद कुछ नेताओं ने बताया कि नई पार्टी बनाने का फैसला हो चुका है। उसकी घोषणा सही समय पर की जाएगी। उनका कहना था कि आम लोगों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को बताया जाएगा कि किस तरह अरविंद केजरीवाल और उनकी चौकड़ी ने पार्टी पर कब्जा रखा है। उन्हें यह भी समझाया जाएगा कि आतंरिक लोकतंत्र, स्वराज और जनलोकपाल के मुद्दे पर पार्टी अपने वायदे से भटक रही है। नेताओं ने बताया कि पार्टी बनाने की घोषणा से पहले पूरे देश में स्वराज अभियान के तहत बैठकें की जाएंगी।
योगेंद्र यादव ने एलान किया कि उन्हें अपने जैसे पांच हजार राजनीतिक साधुओं की जरूरत है। योगेंद्र ने कहा कि वे नौकरी या कुछ और करने की बजाय वैकल्पिक राजनीति के लिए अपनी पूरी जिंदगी काम करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग चाहिए जो देश में वैकल्पिक राजनीति के लिए अपने जीवन के कुछ दिन या पूरा जीवन लगा सकें। इसके बाद ही नई पार्टी का एलान किया जाएगा।
बैठक में शामिल सभी लोगों को एक वोट करने के लिए एक पर्ची दी गई। इस पर्ची को भर कर डिब्बे में डाला गया। इसके मुताबिक 70 फीसद लोगों ने कहा कि जब तक संभव हो, पार्टी के भीतर स्वराज के लिए संघर्ष किया जाए। वहीं 26 फीसद लोगों ने तुरंत पार्टी छोड़ने की बात कही। 1.4 फीसद लोगों ने कहा कि मौजूदा अगुवा पर उन्हें भरोसा नहीं है। वहीं 3.4 फीसद लोगों ने कोई राय नहीं दी। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर आनंद कुमार ने किया।
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प्रतिभा शुक्ल