AAP On Modi Govt New Bills: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने जब दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक साल पहले (मार्च 2024 के अंत में) गिरफ्तार किया गया था। तब आम आदमी पार्टी ने कहा था कि सरकार जेल से चलेगी।

केंद्र सरकार बुधवार को एक विधेयक ला रही है, जिसमें राज्य और केंद्र के मंत्रियों से “गंभीर अपराधों” और “भ्रष्टाचार के आरोपों” में 30 दिनों तक लगातार हिरासत में रहने पर इस्तीफा देने की मांग की गई है। केजरीवाल एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें गिरफ़्तार किया गया है। वह लगभग छह महीने तक जेल में रहे।

केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था। सोरेन इंडिया ब्लॉक के सहयोगी है। हालांकि, गिरफ्तारी से ठीक पहले, सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी में किसी और को कार्यभार सौंप दिया था।

वहीं, केजरीवाल सरकार में गिरफ्तार होने या लंबी अवधि तक जेल में रहने वाले वे अकेले व्यक्ति नहीं थे। 2015 से 2024 के बीच, उनकी सरकार के तीन अन्य लोगों ने भी 30 दिनों से ज़्यादा जेल में बिताए, जिनमें मनीष सिसोदिया , सत्येंद्र जैन और जितेंद्र तोमर शामिल हैं।

तोमर ने गिरफ्तारी के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया, जबकि जैन जेल से नौ महीने तक पद पर बने रहे। सिसोदिया ने गिरफ्तारी के एक हफ्ते के भीतर ही इस्तीफा दे दिया था।

मोदी सरकार द्वारा 30 दिनों तक हिरासत में रखे जाने पर मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक लाने के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी ने बुधवार को कहा कि केजरीवाल भाजपा की योजना को पहले ही समझ गए थे।

आप दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘केजरीवाल जी को शुरू से ही पता था कि यह केंद्र की योजना है कि विपक्षी मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गिरफ़्तार करके सरकारों को निष्क्रिय करना। यह बार-बार साबित हो चुका है कि अरविंद केजरीवाल जी उनकी गंदी चालों को समझते हैं। अब, केंद्र विपक्षी सरकारों को गिराने की अपनी साज़िश को अंजाम देने के लिए क़ानून लाएगा। पहले वे मुख्यमंत्रियों पर झूठे मुक़दमे दर्ज करेंगे, फिर उन्हें ब्लैकमेल करेंगे। अगर वे नहीं झुकेंगे, तो उन्हें जेल में डाल देंगे और उनकी सरकार गिरा देंगे।’

केजरीवाल की गिरफ़्तारी के समय आप ने ज़ोर देकर कहा था कि कोई भी नियम यह नहीं कहता कि जेल जाने पर कोई मंत्री या मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा दे। हालांकि, जेल में रहने के दौरान, केजरीवाल को किसी भी फ़ाइल पर हस्ताक्षर करने या कोई आदेश जारी करने की अनुमति नहीं थी।

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि सरकार जेल से नहीं चलाई जाएगी।

अंततः केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन ऐसा तब हुआ जब गिरफ्तारी के लगभग छह महीने बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा कर दिया गया, तथा ऐसी शर्तों के साथ रिहा किया गया, जिनके कारण मुख्यमंत्री के रूप में उनका कामकाज सीमित हो गया था।

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उस समय अन्य गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों को चेतावनी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उनके उदाहरण से सीख लेनी चाहिए। अगर प्रधानमंत्री आपके खिलाफ कोई फर्जी मामला दर्ज करके आपको जेल में डाल दें, तो इस्तीफा न दें। जेल से सरकार चलाएं। इस्तीफा न दें क्योंकि हमारा संविधान, हमारा देश और हमारा लोकतंत्र किसी भी चीज़ से ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।

आप सूत्रों का कहना है कि भले ही दिल्ली में चुनाव से महीनों पहले केजरीवाल की जेल की सजा से शासन पर असर पड़ा हो, लेकिन उनके इस्तीफा देने से इनकार करने से राजनीतिक लाभ हुआ। फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप सत्ता से बाहर हो गई, जिससे 27 वर्षों के बाद दिल्ली में रेखा गुप्ता की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनी। आइए ऐसे में एक नजर डालते हैं आम आदमी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारियों पर-

अरविंद केजरीवाल, AAP

गिरफ्तारी: मार्च 2024 में जब वह मुख्यमंत्री थे

एजेंसी : प्रवर्तन निदेशालय, उसके बाद सीबीआई

आरोप : दिल्ली आबकारी नीति मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत

अधिकतम सजा : 7 वर्ष तक का कारावास

वर्तमान स्थिति: विचाराधीन, सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई

जेल में बिताया गया समय : 5 महीने (लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए 15 दिनों की अंतरिम जमानत मिली); जमानत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया

मनीष सिसोदिया, AAP

गिरफ्तारी: फरवरी 2023 में, जब वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे

एजेंसी: सीबीआई, उसके बाद ईडी

आरोप: दिल्ली आबकारी नीति मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम

अधिकतम सजा: 7 वर्ष तक का कारावास

वर्तमान स्थिति: विचाराधीन, अगस्त 2024 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत दी गई

जेल में बिताया गया समय: 17 महीने, गिरफ्तारी के एक सप्ताह के भीतर इस्तीफा दे दिया

सत्येंद्र जैन, AAP

गिरफ्तारी: मई 2022 में, जब वह दिल्ली के स्वास्थ्य और पीडब्ल्यूडी मंत्री थे

एजेंसी: ईडी

आरोप: धन शोधन निवारण अधिनियम

अधिकतम सजा: 7 वर्ष तक का कारावास

वर्तमान स्थिति: विचाराधीन, चिकित्सा कारणों से अक्टूबर 2024 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दी गई

जेल में बिताया गया समय: 18 महीने; इनमें से नौ महीने मंत्री रहे

जितेंद्र तोमर, AAP

गिरफ्तारी : जून 2015, जब वह दिल्ली के कानून मंत्री थे

एजेंसी: दिल्ली पुलिस

आरोप: “नकली” कानून की डिग्री के मामले में जालसाजी और धोखाधड़ी

अधिकतम सजा: 7 वर्ष तक का कारावास

वर्तमान स्थिति: जुलाई 2015 में ज़मानत दी गई; 2020 में, एक अदालत ने चुनावी हलफनामे में झूठी घोषणा के लिए उनके 2015 के चुनाव को रद्द कर दिया

जेल में बिताया गया समय: 1.5 महीने; गिरफ्तारी के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया