दामिनी नाथ

पहली बार सांसद बने आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा को राज्य सभा सचिवालय ने एक नोटिस भेजकर उनको एलाट टाइप-7 बंगला खाली करने को कहा है। अमूमन पहली बार सांसद बने लोगों को टाइप-5 आवास दिया जाता है। राघव चड्ढा इस मुद्दे को लेकर कोर्ट चले गये हैं। उनका कहना है कि उनको टाइप-7 बंगले के एलाटमेंट को राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंजूरी दी थी। सांसद चड्ढा का दावा है कि राज्य सभा सचिवालय ने उनका बंगला एलाटमेंट को कैंसिल करने की कोई वजह नहीं बताई है। मामला अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में है।

राज्य सभा मेंबर्स हैंडबुक में आवास आवंटन की पूरी प्रक्रिया और एलिजिबिलिटी क्राइटिरिया बताई गई है। इसके मुताबिक राज्य सभा हाउस कमेटी चेयरपर्सन अलग-अलग केसों में अलग – अलग तरह के फैसले ले सकते हैं। चड्ढा ने राज्य सभा सचिवालय से पूछा है कि उनका टाइप-7 आवास आवंटन किस आधार पर कैंसिल किया गया है।

चड्ढा को जब आवंटन हुआ था, उस समय हाउस कमेटी का कोई चेयरमैन नहीं था

बहरहाल, इसका संभावित जवाब यह हो सकता है कि चड्ढा टाइप-5 आवास के लिए अधिकृत है, लेकिन उनको टाइप-7 आवास आवंटित किया गया है। इस तरह के आवास आवंटन के लिए हाउस कमेटी के चेयरमैन की सहमति जरूरी है। हाउस कमेटी के पूर्व चेयरमैन ओपी माथुर का कार्यकाल जुलाई 2022 में पूरा हो गया था और मौजूदा चेयरमैन सीएम रमेश ने 2 नवंबर 2022 को चार्ज लिया था। इसका मतलब है कि सितंबर में जब चड्ढा को आवास आवंटन हुआ था तब कोई चेयरमैन नहीं थे। हालांकि चड्ढा का कहना है कि उनके आवास आवंटन को राज्य सभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंजूर किया था।

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के निदेशालय केंद्रीय मंत्रियों, केंद्र सरकार के अधिकारियों और राष्ट्रीय आयोगों के प्रमुखों को आवास आवंटित करता है। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय अपने सांसदों को आवास आवंटित करते हैं। दोनों सदनों में आवंटन करने और कैंसिल करने को मंजूरी देने के लिए सांसदों वाली एक हाउस कमेटी है। इसी तरह, सुप्रीम कोर्ट के पास न्यायाधीशों के लिए आवासों का अपना पूल है।

राज्यसभा सांसदों के मामले में चड्ढा की तरह पहली बार सांसद बने नेता अपने आधिकारिक आवास के रूप में टाइप-5 बंगले या एकल फ्लैट के हकदार हैं। पहली बार सांसद बने कई लोगों को बीडी मार्ग पर पुनर्विकसित एमपी फ्लैटों या नॉर्थ एंड साउथ एवेन्यू के पुराने फ्लैटों में फ्लैट आवंटित किए जाते हैं। इसके बाद वाली श्रेणी टाइप-6 बंगले या जुड़वां फ्लैट उन सांसदों के लिए हैं जो पूर्व राज्य मंत्री हैं, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, मनोनीत सदस्य, उनकी पार्टियों के सदन के नेता और सदस्य जिन्होंने कम से कम एक कार्यकाल पूरा कर लिया है।