नोटिस में कहा गया है कि यह प्रचार सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन करके किया गया है और 10 दिन में प्रचार की राशि संबंधित विभाग को जमा कराई जाए। यह प्रचार दूसरे राज्यों में पार्टी विस्तार के लिए किया गया है। यह नोटिस संबंधित विभाग सचिव द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजा गया है।

सूत्रों के अनुसार, 99,31,10,053 रुपए (99.31 करोड़ रुपए) 31 मार्च, 2017 तक राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च किए गए। शेष रकम इस राशि पर दंडात्मक ब्याज के कारण 64,30,78,212 (64.31 करोड़ रुपए) है यानी कुल रकम 163.62 करोड़ रुपए होती है। डीआइपी ने इसी राशि का दस दिन में भुगतान करने का आदेश दिया है।

बताया गया है कि यह पार्टी के लिए भुगतान करने का आखिरी मौका है। इसके बाद संबंधित विभाग आगे की कार्रवाई को अंजाम देगा। दिल्ली सरकार के सचिव द्वारा भेजे गए इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए इस प्रचार को तय नियमों का उल्लंघन बताया गया है। आदेश में कहा गया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने अदालत के आदेशों का हवाला देते हुए मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी। अजय माकन अदालत भी गए थे और इस मामले में 10 अगस्त 2016 को ही कमेटी को अदालत के अंदर छह सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। इसके बाद मामले की समिति ने प्रचार के मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया गया ंथा।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी को 163 करोड़ रुपए के वसूली नोटिस पर कहा कि भाजपा दिल्ली सरकार और उसके मंत्रियों को निशाना बनाने के लिए अधिकारियों का दुरुपयोग कर रही है। इस नोटिस के बाद ‘आप’ ने भी एक पत्र निदेशालय 12 जनवरी 2023 को भेजकर इस संबंध में ब्योरा मांगा है।इस मामले में पार्टी द्वारा मांगे गए भुगतान की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा गया है कि इस मामले में राजनीति की जा रही है और ‘आप’ को जारी सभी प्रचार की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, जिनके आधार पर निदेशालय द्वारा कुल राशि का आकलन किया गया है।