Delhi BJP Assembly Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार हो चुका है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार जनता के बीच जा रहे हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, तमाम मंत्री और पूरा पार्टी संगठन भी विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में है। आम आदमी पार्टी अब तक दो लिस्ट में 31 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। कांग्रेस ने भी एक लिस्ट में 21 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। इन दोनों पार्टियों की ओर से कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किए जाने के बीच सवाल यह उठ रहा है बीजेपी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची कब जारी करेगी?
यह माना जा रहा है कि दिल्ली में जनवरी के महीने में विधानसभा के चुनाव होंगे। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसके बाद उसने दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा में लगभग तय मानी जा रही हार को जीत में बदल दिया था। महाराष्ट्र में भी उसने जोरदार कामयाबी हासिल की है।
इन दो जीत के बाद पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ है। ऐसे में सवाल इस बात का है कि दिल्ली में बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने में इतना वक्त क्यों लगा रही है? इसके साथ ही एक और चर्चा बीजेपी के अंदर चल रही है कि यहां स्टेट यूनिट यानी कि प्रदेश नेतृत्व में बदलाव हो सकता है।
बड़े नेताओं को टिकट देगी बीजेपी
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीजेपी कई बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गए हैं और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि राज्य इकाई के सभी बड़े नेता दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरें।
परिवर्तन यात्रा को किया स्थगित
एक हैरानी भरा वाकया बीते दिनों हुआ जब बीजेपी ने दिल्ली में निकाली जाने वाली अपनी परिवर्तन यात्रा को स्थगित कर दिया। यह यात्रा 8 दिसंबर से शुरू होनी थी। परिवर्तन यात्रा स्थगित किए जाने को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे पर विचार कर रहा है जबकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पार्टी संगठन में बदलाव हो सकता है।
किसी सांसद को कार्यकारी अध्यक्ष बनाएगी पार्टी
इस तरह की भी चर्चा चल रही है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव के प्रबंधन में अपने सातों सांसदों को बड़ी जिम्मेदारी देगी और इनमें से किसी एक नेता को पार्टी दिल्ली का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करेगी। इस तरह की सभी संभावनाओं पर पार्टी विचार कर रही है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली में पार्टी के कुछ नेता इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि उम्मीदवारों की घोषणा में देर होने से पार्टी को चुनाव में नुकसान हो सकता है क्योंकि इससे उम्मीदवारों को प्रचार के लिए कम वक्त मिलेगा। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुके हैं, उन सीटों पर इन दलों के उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है। इसलिए चुनाव अभियान में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का पहले सक्रिय होना निश्चित रूप से उन्हें बढ़त दिला सकता है।
बीजेपी के नेताओं का दावा है कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व और बड़े नेता लोकसभा के बेहद अहम सत्र में व्यस्त हैं और पार्टी का संगठन अपना काम कर रहा है। आने वाले दिनों में पार्टी दिल्ली की चुनाव समिति और कोर कमेटी का गठन करेगी।
बदलाव की चर्चाओं को किया खारिज
दिल्ली बीजेपी के कुछ नेताओं ने इस तरह की चर्चाओं को खारिज किया है कि दिल्ली में पार्टी नेतृत्व में किसी तरह का बदलाव होगा। भाजपा नेताओं का कहना है कि लड़ाई के बीच में सेनापति को बदलने का सवाल नहीं उठता और इस तरह की बातें विरोधी दलों के लोग फैला रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी दिसंबर के मध्य और जनवरी के मध्य के बीच उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं करेगी क्योंकि यह वक्त खरमास का है। इस वक्त को हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है और ऐसी स्थिति में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा 16 जनवरी तक ही होगी। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी तब तक काफी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी होगी क्योंकि केजरीवाल उम्मीदवारों के चयन का काम काफी रफ्तार के साथ कर रहे हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव प्रचार के मामले में बीजेपी से काफी आगे निकल सकते हैं। क्या इससे विधानसभा चुनाव में बीजेपी को किसी तरह का नुकसान होगा, इस बारे में भी चुनावी चर्चाएं दिल्ली की सियासत में जोर-शोर से चल रही हैं।
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