आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री एक ओर मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान छेड़ने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर मादक पदार्थ तस्करी में शामिल होने के आरोपी शिरोमणी अकाली दल के नेताओं से पूछताछ करने वाले अधिकारी का तबादला कर दिया जाता है। आप ने भाजपा से पंजाब सरकार के एक मंत्री की नशे के कारोबार में शामिल होने के आरोप में हुई पूछताछ पर अपना रुख साफ करने को कहा।
विधानसभा चुनाव को देखते हुए आप रोज किसी न किसी मुद्दे पर भाजपा को घेरने की रणनीति पर चल रही है। आप नेता जरनैल सिंह ने रविवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के इस कदम से भाजपा के भी नशे के कारोबार में शामिल होने की बात उजागर होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में सरकार चला रहा शिरोमणी अकाली दल मादक पदार्थों के अवैध व्यापार में शामिल है। आप नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर वाकई नशे के कारोबार के खिलाफ हैं, तो उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को शिरोमणी अकाली दल से गठबंधन नहीं करना चाहिए। पंजाब में भाजपा-अकाली गठबंधन सालों से चल रहा है। इसलिए अकाली दल के इस काले कारोबार में भाजपा भी बराबर की दोषी है।
आप नेता ने सवाल उठाया कि अगर भाजपा की नीयत साफ है तो उसने पंजाब में नशे के काले व्यापार को बढ़ावा देने वाले अकाली दल से गठबंधन अब तक क्यों नहीं तोड़ा। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री पंजाब के युवाओं को ड्रग की लत से बाहर निकालने के लिए रेडियो पर संदेश दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पंजाब में पिछले सात साल से भाजपा-अकाली दल का गठबंधन सत्ता में है। उन्होंने कहा कि यह दोनों पार्टियां दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि क्या केवल रेडियो पर प्रधानमंत्री के बोलने से ही मादक पदार्थों का कारोबार रुकेगा क्या?
आप ने इसके अलावा भाजपा को हिंसा और तोड़फोड़ की राजनीति से बाज आने की चेतावनी दी है।
जरनैल सिंह ने भाजपा से पूछा कि क्या वो दिल्ली को नशे के कारोबार की राजधानी बनाना चाहती है? उन्होंने आशंका जताई कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में मादक पदार्थों की काली कमाई का उपयोग हो सकता है। उन्होंने सरकार से इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की। आप नेता ने आरोप लगाया कि मादक पदार्थों के अवैध कारोबार की जांच कर रहे अधिकारी को आरोपपत्र का कुछ हिस्सा न हटाने पर धमकी दी गई।
आप नेता ने बताया कि दिल्ली सरकार के 250 स्कूलों की एक सूची बनाई गई है। इन स्कूलों में नशे की लत की शिकायतें मिली हैं। यह हमारी कानून व्यवस्था की कलई भी खोलती है।
आप ने भाजपा से पंजाब सरकार के एक मंत्री की नशे के कारोबार में शामिल होने के बारे में हुई पूछताछ पर अपना रुख साफ करने को कहा। आप ने पूछा कि अगर भाजपा की नीयत में खोट नहीं है, इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी का तबादला क्यों किया गया।
संवाददाता सम्मेलन में आप नेता आशुतोष ने कहा कि दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर नशे का कारोबार रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा नशे के शिकार लोगों के इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, उन्हें मनोवैज्ञानिक उपचार देने के साथ-साथ स्कूली बच्चों को परामर्श देने की व्यवस्था की जाएगी।