करीब तीन साल पुरानी आम आदमी पार्टी (आप) के बागी खेमे ने दिल्ली सरकार पर चुनावी वादों पर अमल करने का दबाव बनाने, आंतरिक लोकतंत्र व लोकपाल और पारदर्शिता सहित तमाम मसलों पर पार्टी के स्तर पर सुधार शुरू करने के लिए मंगलवार को गुड़गांव में स्वराज संवाद बैठक बुलाई है।
बैठक सफल हो, इसके लिए कई स्तर पर उपाय किए जा रहे हैं। डायरी, मोबाइल व पेन जैसे जरूरी सामान लेकर लोग बैठक स्थल पर जा सकेंगे। मीडिया का भी बैठक में स्वागत है। बैठक में अगर कोई खलल डालने की कोशिश करता है तो उससे निपटने की भी खेमे ने तैयारी कर रखी है।
प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव की अगुआई वाला आप का बागी खेमा इसमें अपनी आगे की रणनीति भी तय करेगा। जबकि दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खेमे ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस बैठक को असंवैधानिक करार दिया। पार्टी ने कहा कि बैठक में कौन हिस्सा लेता है और वहां क्या बातें होती हैं, इसके आधार पर पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा कि किसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
आप में वैचारिक स्तर पर कई तरह के गतिरोध व तमाम पदों से हटाए जाने के बाद भी आप के बागी खेमे ने पार्टी छोड़ने के बजाय इसी में रहकर इसमें सुधार करने की ठान कर स्वराज संवाद बैठक बुलाई है। पार्टी के संस्थापक सदस्य व अनुशासन समिति अगुवा व मुख्य प्रवक्ता सरीखे अहम पदों पर रह चुके इन नेताओं ने कहा है कि वे पार्टी के सिद्धांतों से किसी को भी समझौता नहीं करने देना चाहते। पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के बिना सुराज का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा पार्टी को चुनाव में किए अपने सभी वायदों पर गंभीरता से आगे बढ़ने के लिए भी दबाव बनाया जाएगा।
इन तमाम पहलुओं के अलावा यह भी कोशिश की जा सकती है कि आप में निचले स्तर तक समितियां बना कर सरकार के कमकाज पर निगाह रखी जाए। पार्टी देश के दूसरे राज्यों में विस्तार की रणनीति पर आगे बढ़े व इसके लिए जरूरी उपायों पर कमर कसने की भी बात की जाएगी।पार्टी का देश के तमाम राज्यों में विस्तार से और इसके लिए लोगों को जिम्मेदारी सौंपने जैसी चीजों पर भी मशविरा किया जाएगा। पूरे दिन इन तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इस संवाद बैठक के लिए विरोधी खेमे ने देश भर में संपर्क साधा है। बिहार इकाई के उमेश सिंह ने केजरीवाल को खुली चिट्ठी लिख कर बैठक में आने का न्योता दिया है। कई स्तर पर समर्थन में लोग आ भी रहे हैं पर असल में कितना दम है, यह मंगलवार की बैठक में दिखेगा। बागी खेमे ने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया सहित तमाम नेताओं व विधायकों को भी बैठक में आने का न्योता भेजा है।
बागियों की बैठक में विरोधी खेमा कोई विवाद पैदा न करे, इसकी भी तैयारी की गई है। प्रशांत भूषण के घर पर सोमवार को भी बैठक चली। इस खेमे ने मीडिया का बैठक स्थल पर स्वागत किया है। बैठक में किसी के पेन या फोन लाने पर भी कोई मनाही नहीं है। इनका कहना है कि बैठक में पारदर्शिता होनी चाहिए।
मालूम हो कि आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं तक को फोन या कोई उपकरण लेकर अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। इस बैठक के बाद प्रशांत भूषण,योगेंद्र यादव, प्रो आनंद कुमार व अजित झा को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया गया था।
बागी नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की ओर से बैठक बुलाए जाने से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने पार्टी सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर कोई सदस्य बागी खेमे के निमंत्रण को स्वीकार करता है तो पार्टी की निर्णय करने वाली शीर्ष समिति यह तय करेगी कि क्या कार्रवाई की जायगी। आप के नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी)और राष्ट्रीय कार्यकारणी स्वराज संवाद बैठक के बाद अपनी बैठक करके अगले कदम के बारे में फैसला करेगी।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा स्वराज संवाद बैठक पार्टी का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं है। पीएसी और एनई इस बारे में तय करेगी कि बैठक के बाद क्या कार्रवाई करने की जरूरत है। बताते चलें कि पिछले महीने की बैठक में राष्ट्रीय परिषद ने पीएसी को मीडिया में पार्टी के बारे में नकारात्मक बयान देने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार दिया था।
पिछले महीने भूषण और योगेंद्र को पार्टी की दो महत्त्वपूर्ण समितियों से हटा दिया गया था। अनुशासन समिति से प्रशांत को हटा दिया गया व राजनीतिक मामलों की समिति को अनुशासन तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई का और अधिक अधिकार दे दिया गया। संवाद बैठक में पार्टी नेताओं की शिरकत के बाबत एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ओर से बुलाई गई बैठक आधिकारिक बैठक होगी। स्वराज संवाद बैठक को पार्टी में रहते हुए कुछ लोगों की पार्टी विरोधी गतिविधियों का ही हिस्सा माना जाएगा।
प्रतिभा शुक्ल