पंजाब बाढ़ से जूझ रहा है। राज्य में बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान पहुंचा है और लोग तमाम परेशानियों से जूझ रहे हैं लेकिन इस बीच AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के दौरे को लेकर पंजाब की राजनीति में खूब चर्चा हो रही है। चर्चा इस वजह से है क्योंकि राघव चड्ढा एक साल बाद पहली बार पंजाब में सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच पहुंचे। इससे उनकी पार्टी के कई नेता भी हैरान रह गए।
राघव चड्ढा नाव में बैठकर गुरदासपुर और दीनानगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे थे। इससे पहले राघव चड्ढा का पंजाब में आखिरी सार्वजनिक दौरा 28 मई, 2024 को लोकसभा चुनाव के दौरान रोपड़ में AAP के रोड शो के दौरान हुआ था।
AAP के एक नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया हम भी उनके दौरे से हैरान रह गए थे क्योंकि हाल के कई फैसलों में पार्टी ने चड्ढा को शामिल नहीं किया था।
पंजाब में बाढ़ से 1,000 से ज्यादा गांव और 61 हजार हेक्टेयर खेती की जमीन प्रभावित
चड्ढा ने पंजाब को बताया मातृभूमि
36 साल के राघव चड्ढा को पंजाब में एक वक्त में प्रभावशाली नेता माना जाता था और यहां तक कि उन्हें “पंजाब का डि-फैक्टो मुख्यमंत्री” कहा जाता था। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के बाद चड्ढा ने X पर कहा कि वे अपनी सांसद निधि से बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए मदद देंगे। चड्ढा ने पंजाब को अपनी मातृभूमि बताया है और कहा है कि उन्होंने ये दौरे एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि सेवक के तौर पर किए हैं।
चड्ढा की भूमिका को लेकर अटकलें तेज
बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद पंजाब में चड्ढा की भूमिका को लेकर अटकलें तेज होने लगी हैं। पार्टी के कई नेताओं को मानना है कि राघव चड्ढा राज्य में फिर से खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि कुछ लोग मानते हैं कि अब काफी देर हो चुकी है। एक वक्त में मुख्यमंत्री भगवत मान ने चड्ढा को अपना सलाहकार नियुक्त किया था और उन्हें सरकारी बंगला तक आवंटित किया गया था।
AAP के पंजाब प्रवक्ता नील गर्ग कहते हैं कि चड्ढा पंजाब से ही राज्यसभा के सांसद हैं ऐसे में उनके दौरे को ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
मान सरकार पर हमलावर हैं कांग्रेस, अकाली दल
पंजाब में बाढ़ के बाद बने हालात को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमलावर हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ऐसे वक्त में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु चले गए थे और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया भी गैर हाजिर रहे जबकि राज्य के लोग बाढ़ की तबाही से जूझ रहे थे।
चड्ढा के दौरे को लेकर चर्चा इस वजह से भी है क्योंकि पंजाब में कहा जाता है कि राज्य की राजनीति में दिल्ली के AAP नेताओं का दखल बढ़ने की वजह से नाराजगी है। हाल ही में मनीष सिसोदिया की ‘साम दाम दंड भेद’ वाली टिप्पणी को लेकर भी काफी बवाल हुआ था और इसे पार्टी के पंजाब प्रमुख अमन अरोड़ा ने सिसोदिया की निजी राय बताया था। इसके अलावा मान सरकार को किसानों के जबरदस्त विरोध के बाद ‘लैंड पूलिंग पॉलिसी’ को भी वापस लेना पड़ा था।
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