पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बार के चुनाव में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना जताई जा रही है। इधर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी All India Majlis-e-Ittehadul (AIMIM) ने भी पश्चिम बंगाल के चुनाव में किस्मत आजमाने की बात कही है। इसी विषय पर ‘आज तक’ पर आय़ोजित एक डिबेट शो में एंकर चित्रा त्रिपाठी ने पैनलिस्ट से पूछा कि ओवैसी के बंगाल जाने से सबसे ज्यादा किस पार्टी को नुकसान होगा?
इसका जवाब देते हुए पैनल में मौजूद मौलाना अली कादरी ने कहा कि ‘हमारा मुल्क एक लोकतांत्रिक देश है और यहां पर हम किसी को नुकसान पहुंचाने या फायदा पहुंचाने के लिए नहीं जा रहे हैं। ओवैसी साहब इस वक्त पिछड़ों की आवाज बने हुए हैं और वो उनकी आवाज उठाने के लिए जा रहे हैं। अब तक बीजेपी को जो भी प्रोमोशन मिल रहा है वो सीधे-सीधे क्षेत्रीय पार्टी की नाकामी की वजह से मिल रहा है। ओवैसी साहब को संविधान इजाजत देता है कि वो मुल्क के किसी भी हिस्से से चुनाव लड़ सकते हैं।’
इसपर एंकर ने मौलाना अली कादरी से पूछा कि बंगाल में एआईएमआईएम का दुश्मन नंबर वन कौन है? जवाब देते हुए मौलाना ने कहा कि ‘राजनीति में विपक्ष में जो पार्टी होती है उसे दुश्मन ही समझा जाता है लेकिन ओवैसी साहब का मकसद सिर्फ औऱ सिर्फ बीजेपी को रोकना है।’ इसपर एंकर ने मौलाना से कहा कि ओवैसी जहां भी जाते हैं बीजेपी को फायदा पहुंचा देते हैं और इसका सबसे बड़ा उदाहरण बिहार है। इसपर मौलान अली कादरी ने कहा कि ‘बिहार में ओवैसी साहब की पार्टी ने चुनाव लड़कर 5 सीटें जीतीं, लेकिन अगर वहां विपक्ष आपस में ही लड़ रहा है तो कौन क्या कर सकता है…?’
ओवैसी के बंगाल जाने से सबसे ज्यादा किस पार्टी को नुकसान होगा?
AIMIM समर्थक मौलाना अली कादरी बोले – ओवैसी साहब का मकसद सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को रोकना है
देखिए #हल्ला_बोल @chitraaum के साथ pic.twitter.com/KW44iJnntL— AajTak (@aajtak) January 3, 2021
बहरहाल आपको बता दें कि बिहार के सीमांचल क्षेत्र में 5 सीटें जीतने के बाद एआईएमआईएम का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है। ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ दिनों पहले ऐलान किया था कि वह पश्चिम बंगाल चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
एआईएमआईएम की नजर अल्पसंख्यक आबादी वाले मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तरी दिनाजपुर पर है।