Bihar News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश जारी किया कि राज्य में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए आधार को नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं, बल्कि पहचान के प्रमाण के रूप में माना जाए।
24 जून को चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए 11 दस्तावेजों की एक सूची जारी की थी, जिनमें जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और एजुकेशनल सर्टिफिकेट शामिल थे। लेकिन जब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, तो कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को कहा कि वह आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार करे।
चुनाव आयोग ने लिखा लेटर
बिहार के सीईओ को लिखे गए पत्र में इलेक्शन कमीशन ने कहा, “आधार कार्ड को 11 दस्तावेजों के अलावा 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाएगा। आधार कार्ड को पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए और इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि आधार अधिनियम की धारा 9 के अनुसार नागरिकता के प्रमाण के रूप में।” इसमें कहा गया है, “जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23(4) के तहत, आधार कार्ड पहले से ही किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से दस्तावेजों में से एक है।”
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चुनाव आयोग ने आगे कहा कि ये निर्देश सभी जिला चुनाव अधिकारियों, ईआरओ और असिस्टेंट ईआरओ को जानकारी दी जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा, “इस निर्देश का पालन न करने या आधार स्वीकार करने से मना करने की किसी भी घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा।” चुनाव आयोग ने पूरे देश के लिए एक एसआईआर कराने का फैसला किया था। इसकी शुरुआत बिहार से ही हुई। बिहार के सभी रजिस्टड्र वोटर्स को 1 अगस्त को ड्राफ्ट रोल में शामिल होने के लिए 25 जुलाई तक नए फॉर्म जमा करने थे।
2003 के बाद वोटर लिस्ट में शामिल होने वाले सभी लोगों को चुनाव आयोग द्वारा बताई गई 11 लोगों की लिस्ट में से पात्रता संबंधी दस्तावेज जमा करने थे। 1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे सभी लोगों को अपने माता-पिता की जन्मतिथि या जन्मस्थान के साथ-साथ अपनी नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज भी जमा करने थे। कोर्ट ने 10 जुलाई को चुनाव आयोग से आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को स्वीकार करने पर विचार करने को कहा था। हालांकि, आयोग ने एक जवाबी हलफनामे में कहा कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है। कुल 7.89 करोड़ वोटर्स में से 7.24 करोड़ वोटर ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल हो गए।
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