बिहार में 50 साल की उम्र से अधिक के सरकारी कर्मचारी अगर अपने आप को काम का साबित नहीं कर पाएंगे, तो उन्हें जबरन रिटायर (अनिवार्य सेवानिवृत्ति) कर दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बाबत सभी गाइडलाइंस जारी कर दी हैं और सभी विभागों के प्रधानों को जरूरी ऐक्शन के लिए भी कह दिया है। कर्मचारी उपयोगी हैं या नहीं? यह जानने के लिए प्रशासनिक अमला कुछ-कुछ वक्त पर उन सभी के काम की समीक्षा भी करेगा, जिसके लिए एक कमेटी का निर्माण भी किया जाना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यूनतम तीन महीने पहले सूचना या फिर तीन माह की सैलरी के बराबर की रकम देकर 30 साल की सेवा या 50 वर्ष की उम्र हो जाने पर कर्मचारियों को इस तरह की सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़ सकता है। बताया गया कि कर्मचारियों के काम से जुड़े रिव्यू पर कोर्ट के फैसलों को भी संज्ञान में लिया जाएगा। जुलाई से दिसंबर महीने में जिन कर्मियों की आयु 50 साल से अधिक होने वाली हो, उनके केस की समीक्षा कटेमी उसी साल जून में करेगी।

कौन-कौन आएगा दायरे में?: ग्रुप ए के 5400 ग्रेड पे वाले लेवल-9 के डिप्टी कलेक्टर और बाकी राज्य सेवा अफसर। ग्रुप बी के 4200 ग्रेड पे वाले लेवल-6, 7 और 8 के सुपरवाइजरी और सचिवालय सेवा के अधिकारी। ग्रुप सी के 1800 ग्रेड पे वाले लेवल-5 और 6 व उसके नीचे के एडडीसी-यूडीसी कर्मचारी।

वहीं, नाइट ड्यूटी करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को इस महीने से बढ़कर सैलरी मिलेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर फैसला लिया है कि वह नाइट ड्यूटी करने वालों के लिए Night Duty Allowance लागू करने का फैसला लिया है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने इस बाबत ताजा निर्दश जारी किए हैं।