मुंबई पर हुए 26/11 के हमलों की 11 बरसी पर 26 नवंबर, 2019 (मंगलवार) को द इंडियन एक्सप्रेस ने गेटवे ऑफ इंडिया पर 26/11 Stories of Strength Event का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा राजनीति, व्यापार, मनोरंजन क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया कि भारत की धरती पर अब दूसरा ऐसा हमला नहीं होगा। वहीं, गडकरी ने कहा कि सज्जनों के बचाने के लिए हमें ताकतवर होना होगा। द इंडियन एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका ने हमले का दंश झेल चुके लोगों के हौसले की जमकर तारीफ की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नफरत को खत्म करने के लिए नफरत नहीं, बल्कि प्यार का इस्तेमाल करना होगा। पढ़िए, अनंत गोयनका की पूरी स्पीच।
लेडीज ऐंड जेंटलमैन, 11 साल पहले आज के ही दिन अपने पिता को खोने वाले आदित्य शर्मा कहते हैं कि यह दुनिया सिर्फ प्यार पर कायम है। प्यार क्या है? क्या यह सहानुभूति के लिए कोई दूसरा शब्द है? क्या यह उपेक्षा का विलोम है? क्या है डर का दूर होना है? या फिर प्यार नफरत का दुश्मन है? यह जो कुछ भी हो, क्या प्यार उतना ही प्रभावशाली उत्प्रेरक की तरह काम कर सकता है जितना कि गुस्सा?
26/11 जैसी घटनाएं हमें नाराज करती हैं क्योंकि जब निर्दोष मारे जाते हैं तो ऐसा लगता है कि नफरत प्यार पर भारी पड़ रही है। हम अब 4 चार सालों से आपको गेटवे ऑफ इंडिया पर आने का न्योता दे रहे हैं ताकि आप प्यार और नफरत की ताकत पर अपने नजरिए का मूल्यांकन कर सकें। हम सभी के अंदर मौजूद मानवीय और अतिवादी सोच की बीच एक संवाद कायम कर सकें।
कोई भी हमला, चाहे वो विदेशी हो मसलन-26/11 या फिर घरेलू कारकों से प्रेरित जैसा कि कोलंबो और क्राइस्ट चर्च में हुआ, इसका मूल कारण एक भ्रमित दिमाग होता है, जिसे कट्टरपंथी सोच से भर दिया गया है। आज 26/11 की ग्यारहवीं बरसी और गांधी की 150वीं जयंती पर हम अपने प्रयास को कामयाब मानेंगे, अगर हम आपको एक पल के लिए यह सोचने के लिए मजबूर कर सकें कि हमारी दुनिया अब कैसे कट्टरपंथी विचाराधारा को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
…हमारी मीडिया ब्रॉडकास्टिंग से नैरोकास्टिंग की ओर बढ़ रही है, जहां चैनल्स जनसांख्यिकी के बजाए दर्शकों की विचारधारा पर आधारित हैं। जहां डिजिटल मीडिया समान विचाधारा वाले कॉन्टेंट और वर्चुअल कम्युनिटीज के फिल्टर बबल्स पैदा कर रहा है। हार्वर्ड के कैस सन्सटीन ने साबित किया है कि अगर हम खुद को अपने से मिलते जुलते विचारों वाले लोगों से घेरकर रखेंगे तो हम और ज्यादा कट्टर हो जाएंगे।
अनंत गोयनका की पूरी स्पीच सुनने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें, कार्यक्रम की तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें
हमले का दंश झेल चुके 100 से ज्यादा लोगों के इंटरव्यू देखते वक्त मैं हर बार हैरान रह जाता हूं कि इतने बड़े निजी नुकसान के बावजूद इन लोगों ने कैसे अपनी नफरत को सही दिशा दी! कैसे ऐसा विकल्प चुना जो इस समाज में कुछ नए मूल्य जोड़े! सिर्फ प्यार के जरिए ही इस सकारात्मक रवैए को हासिल किया जा सकता है।
मैं बिलकुल यह नहीं कहना चाहता कि जवाब देने की जरूरत नहीं है। हमारे भगवानों को भी उनके पसंद के हथियारों के साथ दिखाया गया है। इसलिए हमें निश्चित तौर पर अपनी हिफाजत करना चाहिए, खास तौर पर अपने पास-पड़ोस के मद्देनजर। आखिर क्यों हमें अपनी सेनाओं को लगातार ज्यादा स्मार्ट और खामोशी से हमला करने में निपुण बनाते रहना चाहिए? ऐसा इसलिए ताकि कोई भी हमला हिफाजत की पहली दीवार के तौर पर काम कर रहे हमारे प्यार को नुकसान न पहुंचा पाए।
इतिहास ने हमें सिखाया है कि एक का दूसरे के बिना कामयाब होना मुमकिन नहीं है। पाकिस्तान में सीआईए के स्टेशन चीफ रॉबर्ट ग्रेनियर ने बताया कि अमेरिका के ड्रोन प्रोग्राम ने इतने ज्यादा आतंकी पैदा कर दिए जितने कि मारे नहीं गए। शायद महाराष्ट्र एटीएस ने इस बात को समझ लिया जब उन्होंने कट्टरपंथी विचारों से निपटने की पहल शुरू की।
एक ठोस कोशिश जिसका मकसद कट्टरपंथी विचारों से ग्रस्त युवाओं को धैर्यपूर्वक, काउंसिलिंग और ट्रेनिंग से गुजारकर बदलना है। इस कार्यक्रम की मदद से बिना एक भी गोली चलाए बेहद कामयाबी से 120 से ज्यादा युवाओं को कट्टरपंथी विचारों से मुक्त किया जा सका। वहीं, अगर हमारा समाज और ज्यादा कट्टर हो जाता है और हमें खुद से असहमत विचारों वाले लोगों से दोस्ती करने में मुश्किलें आती हैं तो हमें लगता है कि हम उन सभी वीर पुरुषों और महिलाओं की शहादत का अपमान कर रहे हैं, जिन्होंने हमारे देश को सुरक्षित रखने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पूरी स्पीच सुनने के लिए इस वीडियो पर क्लिक करें
मैं इस प्रयास का समर्थन करने के लिए कुछ लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। श्री राजनाथ सिंह, हम जानते हैं कि उनको किसी कार्यक्रम में देखना कितना दुर्लभ है। श्री नितिन गडकरी, देश में उनके जैसे कुछ ही लोग हैं जो हमारे शहर और राज्य की नब्ज पहचानते हैं। श्री अमिताभ बच्चन, हम बेहद सौभाग्यशाली हैं कि हम इन लिविंग लीजेंड के साथ तीन सालों से काम कर रहे हैं, हमारा संदेश पहुंचाने के लिए जिनके जैसा प्रभावशाली दूत कोई नहीं है।
मैं श्री नीरज बजाज और पूरे बजाज ग्रुप का आभार जाहिर करता हूं, उनका गांधी के साथ जुड़ाव उन्हें इस कार्यक्रम में होने का स्वाभाविक हकदार बनाता है। मेरे दोस्त उदय शंकर और स्टार इंडिया की शानदार टीम का भी धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने ‘नई सोच’ का अनुसरण करना जारी रखा है। उन सभी पार्टर्नर्स का भी शुक्रिया, जिनमें से कई आज यहां हमारे साथ मौजूद हैं। अडानी ग्रुप का शुक्रिया। मिस्टर चंद्रशेखरन और इंडियन होटल्स का भी इस प्रोजेक्ट में सहयोग के लिए शुक्रिया।
ताज होटल के कर्मचारियों द्वारा 11 साल पहले दिखाए गए समर्पण से हम आगे भी प्रेरित होते रहेंगे। श्री देवेंद्र फडणवीस और मेरे दोस्त प्रवीन परदेशी, श्री अजॉय मेहता, मिस्टर संजय भाटिया और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का भी शुक्रिया।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की पूरी स्पीच सुनने के लिए नीचे क्लिक करें, कार्यक्रम की तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें
मैं दिल से वाइस एडमिरल अजीत कुमार और वेस्टर्न नेवल कमांड का भी शुक्रिया करना चाहता हूं, जिन्होंने इस इवेंट को इतना खास बनाने में सहयोग किया। महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध जायसवाल, कमिश्नर ऑफ पुलिस संजय बरवे, हमारे दोस्त देवेन भारती का भी शुक्रिया। सबास जोसेफ और विज़क्राफ्ट टीम और शो के डायरेक्टर आनंद तिवारी और उनके स्टिल एंड स्टिल मीडिया कलेक्टिव के सहयोग के बिना इस कार्यक्रम का सफल आयोजन मुमकिन नहीं था।
लेडीज ऐंड जेंटलमेेन, इन सबके ऊपर मैं उन लोगों का दिल की गहराइयों से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने अपने दिल के उन टुकड़ों को जोड़ा, जो 11 साल पहले टूट गए थे और हमें अपनी जिंदगी के अंदर झांकने का मौका दिया। हमें अपनी उस गंभीर जिम्मेदारी का एहसास है कि जब हम कैमरा आप पर तानते हैं और आपको जिंदगी से जुड़े असहज क्षणों को साझा करने के लिए कहते हैं। हम सवाल इसलिए पूछते हैं क्योंकि यह जरूरी है और क्योंकि आप ही सच्ची तस्वीर पेश कर सकते हैं।
जैसा कि मार्टिन लूथर किंग ने एक बार कहा था, ‘नफरत के बदले नफरत सिर्फ घृणा को और ज्यादा बढ़ाता है। यह उस बिना तारों वाली अंधेरी रात को और ज्यादा स्याह कर देता है। अंधेरे को अंधेरा नहीं, सिर्फ रोशनी दूर सकती है। नफरत को नफरत नहीं, बल्कि प्यार मिटा सकता है।’आपकी कहानियां ये साबित करती हैं कि भले ही कुछ दिशाहीन मूर्ख यह सोचते हैं कि वे फैसला करेंगे कि हमें कैसे मरना चाहिए, उन्हें यह जानना चाहिए कि वे यह फैसला नहीं कर सकते कि हमें कैसे जीना चाहिए। लेडीज ऐंड जेंटलमैन, मैं अपने पिता विवेक गोयनका की तरफ से आप सभी का स्वागत करता हूं। शुक्रिया।
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