Ravi Shankar Prasad And Dr. Harshvardhan: पूर्व कानून व इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) की मंत्रिमंडल में बदलाव के समय आयु 66 साल और 10 महीने थी। प्रसाद 2000, 2006, 2012 और 2018 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे जबकि 2019 में पटना साहिब (Patna Sahib) से लोकसभा के लिए चुने गए। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harshvardhan) जब मंत्रिमंडल से बाहर हुए तब उनकी आयु 66 साल और छह महीने थी। हर्षवर्धन दो बार सांसद रह चुके हैं। 2019 में चांदनी चौक से जीत कर सत्रहवीं लोकसभा के सदस्य बने। पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhariyal) की मंत्रिमंडल में बदलाव के समय आयु 61 साल और 11 महीने थी। पोखरियाल दो बार संसद पहुंच चुके हैं। 2019 में हरिद्वार से चुनकर सत्रहवीं लोकसभा में पहुंचे हैं।
थावरचंद्र गहलोत की मंत्रिमंडल में बदलाव के समय उम्र 73 साल एक महीने थी
पूर्व सामाजिक एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत की मंत्रिमंडल में बदलाव के समय उम्र 73 साल और एक महीने थी। गहलोत वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल हैं। पूर्व श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार जब केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर हुए तब उनकी आयु 72 साल और आठ महीने थी। गंगवार नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं, चौदहवीं, सोलहवीं और सत्रहवीं लोकसभा के लिए आठ बार चुने गए।
इनके अलावा मंत्रिमंडल से बाहर हुए मंत्रियों में पूर्व उर्वरक मंत्री सदानंद गोडा, बाबूल सुप्रियो (बाद में भाजपा और लोकसभा से इस्तीफा दिया), पूर्व महिला और बाल कल्याण मंत्री देवश्री चौधरी, पूर्व जलशक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया, पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे और पूर्व सूक्ष्म, लघु व मध्यम राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी शामिल रहे।
आठ बार सांसद, पर मंत्री नहीं
संतोष कुमार गंगवार आठ बार संसद पहुंच चुके हैं। गंगवार वर्तमान मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं हैं। जुलाई 2021 में फेरबदल के समय उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा था। आठ बार सांसद बन चुकीं और वर्तमान में सुल्तानपुर से सांसद मेनका संजय गांधी भी मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं हैं। दो सांसद ऐसे हैं जो सात-सात बार संसद पहुंचे हैं। टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार और मांडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते वर्तमान मंत्रिमंडल में शामिल हैं। 13 सांसद ऐसे हैं जो छह-छह बार सांसद बन चुके हैं और इनमें सो दो सांसद (राजनाथ सिंह और पंकज चौधरी) मंत्रिमंडल में शामिल हैं। 12 सांसद पांच-पांच बार सांसद बने हैं जिनमें से आठ मंत्री हैं। 22 सांसद चार बार संसद पहुंचे हैं और इनमें से तीन मंत्रिमंडल में हैं। 39 सांसद तीन-तीन बार सांसद बन चुके हैं जिनमें से आठ मंत्री हैं। 105 सांसद दो-दो बार संसद पहुंचे हैं जिनमें से 27 मंत्रिमंडल में शामिल हैं। भाजपा के 200 सांसद पहली बार संसद में पहुंचे हैं और इनमें से 26 मंत्री हैं।