भगवान जगन्नाथ की 141 वीं रथ यात्रा शनिवार (14 जुलाई) सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई और लाखों की संख्या में लोग भगवान के दर्शन के लिए 18 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग के दोनों तरफ इकट्ठा हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने ‘पाहिंद विधि’ पूरी की। यह एक धार्मिक रीति है जिसमें रथ के निकलने वाले मार्ग को सोने की झाड़ू से साफ किया जाता है। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को ले कर रथ 400 वर्ष पुराने जगन्नाथ मंदिर से रवाना हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से देश विकास की नई ऊचांइयों को छुएगा।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘रथ यात्रा के पावन अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं। भगवान जगन्नाथ की कृपा से हमारा देश विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। प्रत्येक भारतीय खुशहाल और समृद्ध बने। जय जगन्नाथ।’’ रथ यात्रा शुरू होने से पहले तड़के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंदिर में ‘‘मंगल आरती’’ की। इस विशाल रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों के अलावा आठ सजे – धजे हाथी, 101 झांकियां, 30 धार्मिक समूहों के सदस्य तथा भजन कीर्तन की 18 मंडलियां शामिल हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार असाढ़ माह के दूसरे दिन असाढ़ी बिज के दौरान प्रति वर्ष रथ यात्रा निकाली जाती है। वहीं, ओडिशा में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी जगन्‍नाथ पुरी रथ यात्रा में प्रसाद बांटते दिखे।

शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरने के बाद यह जुलूस रात साढे आठ बजे मंदिर लौट आएगा। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए 18 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग के अहम स्थानों पर शहर पुलिस , होम गार्ड , राज्य रिजर्व पुलिस बल तथा अर्ध सैनिक बलों के 20,200 जवानों को तैनात किया गया है।